हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आईटीओ बैराज के गेट नहीं खुलने के मामले में गठित जांच कमेटी 23 जुलाई तक रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के दौरान कुछ ऐसे तथ्य ऐसे मिले हैं, जिससे पता चलता है कि अगर दिल्ली सरकार ने थोड़ा सा भी प्रयास किया होता तो आज दिल्ली की जो हालत हुई है, शायद वह नहीं होती। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाढ़ की वजह आईटीओ के जाम गेट नहीं, बल्कि अतिक्रमण और गाद है।
दिल्ली में यमुना नदी के क्षेत्र में अतिक्रमण है। साथ ही यमुना नदी पर आईटीओ, ओखला और वजीराबाद के बैराज में काफी गाद जमा है। इन्हें कभी साफ नहीं करवाया गया। उन्होंने बताया कि, आईटीओ बैराज के जो पांच गेट बंद थे, उनकी अब उतनी उपयोगिता नहीं रही। अगर वह खुल भी जाते तो दिल्ली का नाममात्र पानी निकलता।
साल 2018 के बाद से दिल्ली सरकार ने गेट के रखरखाव के लिए खर्च भी नहीं दिया है। दिल्ली को सिर्फ मुफ्तखोरी की आदत पड़ गई है। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा से यमुना में करीब साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी यमुना में गया तो दिल्ली में यह 11 लाख क्यूसिक कैसे हो गया। यह सोचने की बात है।