भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्हें अदालत से राहत मिल गई। अदालत ने सांसद को पहलवान यौन शोषण मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की है। उन्हें 25 हजार के निजी मुचलके पर 2 दिन के लिए जमानत मिली है. उनके अलावा विनोद तोमर को भी जमानत मिली है। अब 20 जुलाई को कोर्ट नियमित बेल के मामले में सुनवाई करेगा. उसका फैसला आने तक बृजभूषण शरण सिंह अंतरिम जमानत पर रहेंगे।
बृजभूषण शरण सिंह के अलावा उनके करीबी और कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत मिल गई है। उन्हें बृजभूषण शरण सिंह के साथ इस मामले में सह-आरोपी बनाया गया है। महिला पहलवानों ने उनपर आरोप लगाए हैं कि वो ऐसे वक्त में बृजभूषण शरण सिंह से मुलाकात कराते थे जब वो अकेले रहते थे।
6 महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद दिल्ली पुलिस ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के साथ ही सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में ये बताया गया है कि विनोद तोमर WFI अध्यक्ष की मदद करते थे।
दिल्ली पुलिस की चार्जशीटके मुताबिक, शिकायत करने वाली पहलवान 3 अलग-अलग मौकों पर बृजभूषण शरण सिंह से मिलने दिल्ली स्थित उनके ऑफिस गईं थीं, तब वे अकेली थीं। एक मामले में महिला पहलवान के पति और दूसरे मामले में पहलवान के कोच को बाहर ही रोक दिया गया था।
बता दें, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे बड़े पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में महिला पहलवानों के कथित यौन शोषण मामले में WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर 38 दिन तक धरना दिया था। हालांकि, पुलिस ने बीती 28 मई को कानून व्यवस्था का हवाला देकर पहलवानों को वहां से हटा दिया था। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की पहलवानों से मुलाकात हुई थी। खेल मंत्री ने पहलवानों से ये वादा किया था कि इस मामले में 15 जून तक चार्जशीट दाखिल हो जाएगी. इसके बाद पहलवानों ने धरना खत्म किया था।