नव वर्ष के पहले ही दिन घने कोहरे और कड़कती ठण्ड से जहाँ लोग रजाइयों में सिकुड़ने के लिए मजबूर हो गए वहीँ सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित हुआ। सड़कों पर विजिबिल्टी जीरो के बराबर होने से दो पहिया और चौपहिया वाहन रेंगते नजर आये। घने कोहरे का रेल यातायात पर भी असर देखने को मिला। तेज रफ़्तार ट्रेन का पहिया धीमे धीमे रेंगने के बराबर था। वहीँ ज्यादातर रेलगाड़ियां घने कोहरे के कारण अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं। रेलवे स्टेशन के बाहर व प्लेटफार्म पर यात्री कम्बल और रजाइयां ओड कर ठण्ड से बचते नजर आये। वहीँ आम नागरिकों ने ठण्ड से बचने के लिए अँगीठी जलाकर ठण्ड से बचने का रास्ता निकला और रोजाना सैर करने वालों ने चाय की चुस्कियां लेकर ठण्ड से राहत पाने की कोशिश की। 31 दिसंबर की देर शाम एक दम घनी धुंध और कोहरे ने शहर को अपने आगोश में लपेट लिया और अचानक ठण्ड बढ़ गई। नव वर्ष के आगाज पर लोग सुबह देर तक रजाइयों में दुबके रहे हैं।