हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच भारी बारिश दर्ज की गई है। जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। भारी बारिश से प्रदेश के कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं। गुरुवार शाम तक प्रदेश भर में 59 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। भूस्खलन के चलते कालका-शिमला फोरलेन भी कुछ देर के लिए बंद रहा। जबकि, धर्मपुर-गढ़खल-कसौली यातायात के लिए सड़क बंद है। अब सुखी जोहड़ी से कसौली के लिए वाहनों की आवाजाही होगी। परवाणू से तीन किलोमीटर के बाद दत्यार के समीप पहाड़ी से काफी मात्रा में मलबा आ गया। वाहनों को दूसरी लेन में डायवर्ट करना पड़ा। चक्की मोड में भी पहाड़ी से मलबा गिर रहा है।
भूस्खलन से मकानों को खतरा
उधर, शिमला में भी जगह-जगह भूस्खलन की सूचना है। शहर के टुटू में भूस्खलन से मकानों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, मज्याठ में भारी बारिश से बड़ी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया। शिमला के बीसीएस में तारा माता मंदिर के पास मुख्य सड़क पर भूस्खलन हुआ है। भारी बारिश से शिमला में पेयजल योजनाओं में बड़ी मात्रा में गाद आई है। गिरि परियोजना में मानसून सीजन के दौरान गाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इससे शहर में पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
10 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी
मौमस विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से लगातार 10 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। किन्नौर व लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट है। प्रदेश में 12 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। वहीं, बुधवार रात को नाहन में 71.4, पच्छाद 47.2 ऊना 52.4, नंगल 20.4, बिलासपुर के काहू में 37.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।