हरियाणा-यूपी के बीच 51 साल चल रहा सीमा विवाद सुलझने के कगार पर आ गया है। इसे लेकर दोनों राज्यों के राजस्व अधिकारी पैमाइश कर रहे है। जिसे लेकर 5 जुलाई को हाई कोर्ट में इसका फैसला होगा। वहीं 1975 में दीक्षित अवार्ड के तहत लगाए पिलरों की पहचान और पैमाइश करने कर दोबारा सीमा तय होने के बाद लगाए जाएंगे। इस विवाद को निपटने से हरियाणा के यमुनानगर,करनाल,पानीपत,सोनीपत, फरीदाबाद पलवल और यूपी के गाजियाबाद,ग्रेटर नोएडा, शामली,बागपत समेत 146 गांवों को राहत मिलेगी।
ये है विवाद की वजह ?
सीमा से जुड़े असली विवाद अवैध खनन का है। इससे यमुना की धार बदलती रहती है। वह कभी हरियाणा तो कभी यूपी की तरफ चली जाती है,जिससे यूपी की जमीन हरियाणा में चली जाती है। जिसे किसान कब्जा कर लेते है और दोनों राज्यों के लोग अपनी जमीन होने का दावा करते है,जिससे विवाद छिड़ जाता है। वहीं अवैध खनन के चलते सरकार को हर साल 5 करोड़ का राजस्व का नुकसान होता है। अब इस मामले की सुनवाई के बाद दोनों राज्यों का विवाद खत्म हो जाएगा।