हिमाचल प्रदेश में मानसून के आग़ाज ने ही कहर बरपा दिया है। मानसून की भारी वर्षा से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी तबाही हुई है। जगह -जगह लैंड स्लाइड, गाडियों के दबने, बादल फटने व बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है। 24 जून से दो दिन में हिमाचल में 102.38Cr. का नुकसान हुआ है।
बीते 48 घंटों में हुआ इतना नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, मानसून ने 24 जून को हिमाचल में प्रवेश किया था और बीते 48 घण्टों में वर्षा जनित घटनाओं में नौ लोगों की जान चली गई है। जबकि लोग 14 घायल हैं। मंडी, शिमला व सोलन में दो-दो, चम्बा, हमीरपुर व कूल्लु में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। बाढ़ में बहने व सड़क हादसों में तीन-तीन, खाई में गिरने से दो और भूस्खलन की चपेट में आने से एक व्यक्ति ने जान गंवाई है।
मुसलाधार बारिश की वजह से चार नेशनल हाइवे और 301 सड़कें अवरुद्ध
मुसलाधार बारिश की वजह से चार नेशनल हाइवे और 301 सड़कें अवरुद्ध हैं। लोकनिर्माण विभाग के मंडी ज़ोन में 97, शिमला जोन में 71, हमीरपुर जोन में 65 और कांगड़ा जोन में 64 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा नेशनल हाइवे अथॉरिटी के शिमला और शाहपुर में दो-दो नेशनल हाइवे भी भूस्खलन से अवरुद्ध हैं। मानसूनी वर्षा से राज्य में 842 पेयजल स्कीमें बंद पड़ गई हैं।
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घण्टों के दौरान धर्मशाला में सर्वाधिक 106 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील
वहीं वर्षा के बाद नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने और नदी-नालों के किनारे न जाने की अपील की है। मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में अगले चार दिन भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। लोगों को नदी नालों से दूर रहने के साथ लैंड स्लाइड से बचने की सलाह दी गई है।