हरियाणा डेस्क:- रोहतक, इनेलो की ‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ 64वें दिन में प्रवेश कर गई। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला की अगुवाई में चल रही हरियाणा परिवर्तन पदयात्रा अब जिला रोहतक में प्रवेश कर गई है। यह यात्रा इस जिले के गांव जसिया, कान्ही, धामड़, रेठाल, किलोई में पहुंची तो लोगों ने बड़े ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वे सुबह से रात तक जनता के बीच रहते हैं, उनकी समस्या सुनते हैं, पार्टी का विजन बताते हैं, भाजपा-जजपा शासन की कारगुजारियों की पोल खोलते हैं। यात्रा के दौरान मेरा लोगों से दिल का जुड़ाव और भी गहरा हो गया है। इन गांवों में हुई सभाओं को संबोधन के दौरान गठबंधन सरकार को कोसते हुए अभय ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का दोगला चेहरा लोगों के सामने आ रहा है।
उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का बेहद दुख हुआ कि आज जिन गांवों में स्कूल हैं तो वहां अध्यापक नहीं है और अस्पतालों में डाक्टर नहीं और लोग परेशान हैं वहीं भाजपा गठबंधन सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों के राशन कार्ड काट दिए। बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं में रोड़े अटका दिए हैं। अब एक और तुगलकी फरमान जारी किया गया है कि जिस गरीब के पास बाइक है तो उसका भी राशन कार्ड काट दिया जाएगा जो बेहद शर्मनाक है। पिछले करीब 18 साल हरियाणा पर बड़े भारी गुजरे हैं और इस दौरान सभी शासकों ने पूरे प्रदेश को लूट कर न केवल खोखला कर दिया है बल्कि विकास की दृष्टि से भी उजाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्हें लोगों के बीच में रहने का मौका मिला। चाहे गांव हो अथवा शहर, सभी विकास के लिहाज से उपेक्षित ही हैं। गांवों में गलियों और सडक़ों की हालत खस्ता है तो वहीं बिजली-पानी को लेकर भी लोग परेशान हैं। इसी प्रकार शहरों की भी यही हालत है।
सहयोग व समर्थन के लिए लोगों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन पदयात्रा सत्ता के लिए नहीं बल्कि चौ. देवीलाल के सपनों को साकार करने के लिए शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि चौ देवीलाल ने जो कहा वो किया, उसी प्रकार इनेलो की सरकार आने पर जो बात चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने कही वह पूरी करके दिखाई। ठीक वैसे ही मैं जो कहता हूं उसे पूरा करता हूं और सत्ता के लालची दूसरे राजनेताओं की तरह झूठ नहीं बोलता। 2024 में शत-प्रतिशत इनेलो की सरकार बनेगी और लोगों को विकास के लिए, किसानों को सुविधाओं के लिए, युवाओं को रोजगार के लिए, मजदूरों को काम के लिए, बुजुर्गों को सम्मान के लिए तरसना नहीं पड़ेगा।