हरियाणा डेस्क :- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार ने करीब अढ़ाई साल पहले किसानों की खरीदी गई फसल का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में भेजने की जो प्रक्रिया शुरू की थी, उसको पूरे देश में सराहा गया। उन्होंने कहा कि इस बार भी सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी गई फसल की पेमेंट सीधा किसानों के खाते में 48 से 72 घंटे के अंदर कर दी जाएगी, अगर देरी होती है तो उनको 9 प्रतिशत ब्याज समेत भुगतान किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 408 मंडी, सरसों के लिए 102, दालों के लिए 11 और जौ के लिए 25 मंडियों को नामित किया गया है। अभी तक करीब 1.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंची है, जिसमें से 18 हजार मीट्रिक टन की खरीद की गई है। पिछले वर्ष विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने 67 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की थी, हालांकि ओलावृष्टि से नुकसान तो हुआ है फिर भी इस बार भी इतनी ही खरीद होने की संभावना है, जबकि राज्य सरकार ने 76 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हाल ही में हुई बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था जिसमें गेहूं की चमक व नमी की मात्रा में छूट देने का अनुरोध किया था। इसके बाद केंद्र सरकार की एक टीम सर्वे करके गई है और उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर छूट प्रदान कर देगी। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि राज्य सरकार के राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019-20 के दौरान जहां प्रदेश में 6,100 करोड़ रुपए स्टांप ड्यूटी के रूप में राजस्व के रूप में सरकार को मिले हैं, वहीं कोविड काल के समय 4 माह रेवेन्यू एस्टेट्स बंद रहने के बावजूद भी वर्ष 2020-21 में स्टांप ड्यूटी के तौर पर 5,134 करोड़ रुपए, वर्ष 2021-22 में 8,490 करोड़ रूपए और वर्ष 2022-23 में अभी तक 10,395 करोड़ रूपए स्टाम्प ड्यूटी व अन्य राजस्व प्रदेश सरकार के खाते में एकत्रित हुए हैं।