हरियाणा डेस्क:- जींद, कंडेला गांव के ऐतिहासिक चबूतरे पर भारतीय खाप महासम्मेलन का कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश की की अध्यक्षता में हुआ। इसमें उत्तर भारत की 165 खापों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें अंधविश्वास, नशा, खाप प्रतिनिधि राजनीति से दूर सहित आठ प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें नेताओं द्वारा देवी देवताओं व महापुरुषों को राजनीति में घुसाने की निंदा की और खाप प्रतिनिधियों ने हिदायत दी कि किसी भी जाति व धर्म के देवी देवता को राजनीति में नहीं घसीटा जाए। राजनीतिक दलों की देवी देवताओं के प्रति आस्था नहीं, बल्कि अपना वोट बैंक को मजबूत करने के लिए करते हैं। इसलिए खाप प्रतिनिधियों ने सरकार सहित सभी दलों को प्रस्ताव भेजा जाएगा कि देवी, देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाए। इसके अलावा निर्णय लिया गया कि कोई भी पदाधिकारी खापों के नाम पर राजनीति नहीं करें और अगर वह राजनीतिक तौर पर खाप के नाम का प्रयोग करता है तो उसको तुरंत प्रभाव से पद से हटाया जाए।
कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला ने कहा कि महासम्मेलन का मुख्य मुद्दा नशा रहा है और सभी खाप प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है कि नशे के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और प्रत्येक गांव में खापों की तरफ से कमेटी गठित की जाएगी, ताकि गांव में बिक रहे नशे को रोका जा सके। शिक्षा और खेलों को बढ़ावा देने के लिए समाज और सरकार ने कदम उठाने चाहिए। सरकार ने स्कूलों की संख्या बढ़ानी चाहिए न कि उनको गर्ज करके संख्या कम करनी चाहिए। गांव के प्रत्येक स्कूल में खेल का मैदान होना चाहिए और प्रत्येक शारीरिक शिक्षक खेलों का प्रशिक्षण देना अनिवार्य किया जाए। इसके अलावा दहेज-प्रथा, शादी में फायरिंग, मृत्यु भोज, डीजे पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु पर शोक सभा को 10 से 12 दिन का किया जाता है, लेकिन इसमें निर्णय लिया गया है कि शोक सभा एक सप्ताह की जाएगी, क्योंकि डिजिटल का जमाना है और मृत्यु के तुरंत बाद ही सभी को सूचना मिल जाती है। इसलिए लोगों का ज्यादा समय खराब न हो इसलिए शोक सभा को सात दिन का किया गया है।
खापों के अस्तित्व को मजबूत करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। किसी भी खाप सम्मेलन, अन्य किसी खाप समारोह की सूचना फोन द्वारा या वाट्सएप के माध्यम से दी जाएगी। खाप प्रतिनिधियों ने सरकार से हिंदू मैरिज एक्ट कानून में संशोधन करने की मांग की। कोर्ट मैरिज के समय बच्चों के माता-पिता की सहमति और उपस्थिति अनिवार्य की जाए और बिना माता-पिता की सहमति के बना कोर्ट मैरिज पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा आजाद हिंद फौज में गुम नाम स्वतंत्रता सेनानियों की पहचान करके उनको बलिदानी का दर्जा दिए जाए और गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड उनके परिवारों को देना चाहिए।