हरियाणा डेस्क:- रेवाड़ी, इनेलो की परिवर्तन पदयात्रा हरियाणा की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेगी और इसके बाद फिर से प्रदेश में एक स्वर्णिम युग आएगा। यह युवा इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने कही। वे इस पदयात्रा के 28वें दिन रेवाड़ी जिले के विभिन्न गांवों में आयोजित सभाओं को संबोधित कर रहे थे। रेवाड़ी जिले के अनेक गांवों में कई सभाएं तो ऐसी थी जहां महिलाओं और युवाओं की भागीदारी अधिक थीं, ऐसे में इन सभाओं को इनेलो महिला नेत्री सुनैना चौटाला ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अर्जुन सिंह चौटाला ने कहा कि कल हरियाणा प्रदेश में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की सरसों और गेहूं समेत सब्जियों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। भाजपा गठबंधन सरकार ने पहले ही किसानों को गर्त में धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। किसान अपनी फसलों के उचित दामों, खराब फसल के मुआवजों को लेकर संघर्ष कर रहा है लेकिन प्रदेश की गूंगी बहरी भाजपा गठबंधन सरकार अन्नदाता की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी करवा कर पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
यह परिवर्तन पदयात्रा सत्ता के लिए नहीं बल्कि चौ. देवीलाल के सपनों को साकार करने के लिए शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि चौ. देवी लाल ने जो कहा वो किया, उसी प्रकार इनेलो की सरकार आने पर जो बात चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने कही वह पूरी करके दिखाई। ठीक वैसे ही आने वाले समय में इनेलो की सरकार बनने पर लोगों को विकास के लिए, किसानों को सुविधाओं के लिए, युवाओं को रोजगार के लिए, मजदूरों को काम के लिए, बुजुर्गों को सम्मान के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इनेलो ने अपने शासनकाल में हरियाणा में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के साथ साथ गांवों की गलियों और लिंक रोड को सडक़ों तक जोड़ा जिससे ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली मगर आज ये सरकार सिर्फ जुमलेबाजी करती है। उन्होंने कहा कि गरीबों के पीले कार्ड काट दिए हैं और बुजुर्गों की पैंशन काट दी गई मगर इनेलो की सरकार आने पर बुजुर्गों को यह पैंशन राशि न केवल बढ़ाकर बल्कि बयाज समेत अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ पेट्रोल-डीजल और कृषि संसाधनों के भाव दिनोंदिन बढ़ रहे हैं तो वहीं सरकार की गलत नीतियों के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि नरमा-कपास की फसल खराब हो गई थी तो उसका मुआवजा भी अभी तक किसानों को नहीं मिला है और इस कारण किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन की राह पकड़े हुए हैं।