हरियाणा डेस्क:- पृथला, इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव व विधायक अभय सिंह चौटाला की हरियाणा ”परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार” रविवार को पंद्रहवें दिन जिला फरीदाबाद के पृथला हलके के गांव धतीर से शुरू हुई। गांव पृथला में गांव की पूरी सरदारी ने अभय सिंह चौटाला व यात्रा में शामिल नेताओं व समर्थकों का गर्मजोशी के साथ ऐतिहासिक स्वागत किया। सुबह का नाश्ता गांव धतीर में नरेंद्र डागर के घर पर किया जहां दर्जनों परिवार दूसरे दलों को छोड़ कर इनेलो में शामिल हुए। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा नफरत और जात-पात की सियासत की है। जाट आंदोलन के दौरान भी 36 बेकसूर लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि 2019 में भाजपा ने 75 पार का नारा दिया, पर 40 पर सिमट गई थी। जनता ने भाजपा को नकार दिया था, लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों ने चौधरी देवीलाल की नीतियों को भाजपा के कदमों में गिरवी रख दिया और सरकार बनवा दी। अब जनता इस सरकार से बेहद दुखी और परेशान है। 400 रुपए वाला गैस सिलैंडर 1200 रुपए का हो गया है। गैस, पैट्रोल, डीजल, खाद, कीड़ेमार दवाइयां लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। आपराधिक वारदातों से हरियाणा दहल रहा है। 27 प्रतिशत आपराधिक दर के साथ हरियाणा देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने का वादा किया था। किसान आज कर्ज से कराहा रहा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के 21 लाख किसान कर्जदार हैं। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि आज जनता बदलाव चाहती और इसी बदलाव के उद्देश्य से ही उन्होंने परिवर्तन यात्रा निकालने की पहल की है। वे हर रोज 20-22 किलोमीटर पैदल चलते हैं और 10 से 12 गांवों में जाते हैं। लोगों का समर्थन उन्हें मिल रहा है और यह जाहिर करता है कि 2024 में इनेलो की सरकार बनना तय है। सरकार बनने पर प्रत्येक घर से एक युवा को नौकरी देंगे और बेरोजगारों को 21 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देंगे। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है।
रोजमर्रा की वस्तुएं गृहिणियों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। चुने हुए प्रतिनिधियों के अधिकार छीने जा रहे हैं। पहले तो सरकार ने एक साजिश के तहत दो साल तक पंचायतों के चुनाव नहीं करवाए और अब चुने हुए प्रतिनिधियों को ताकत देने की बजाय उनकी शक्तियां कम की जा रही हैं। हरियाणा के 6 हजार से अधिक सरपंच व चुने हुए 62 हजार ग्राम पंचायत सदस्य भी इस सरकार को 2024 में आईना दिखाने का काम करेंगे।