Sunday , 10 November 2024

उद्धव गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल यानि 22 फरवरी को होगी सुनवाई !

एकनाथ शिंदे vs उद्धव ठाकरे

शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह के मामले में उद्धव गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल यानि बुधवार को होगी सुनवाई !

नेशनल डेस्क:- उद्धव ठाकरे ग्रुप की ओर से कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ अर्जी पर बुधवार को सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर EC के आदेश पर रोक नहीं लगती तो इसी बीच हमसे पार्टी का चुनाव चिन्ह, बैंक एकाउंट छीन जाएगा । इस अर्जी पर चीफ जस्टिस ने कल यानि 22 फरवरी को 3:30 बजे सुनवाई का भरोसा दिया। दरअसल बालासाहेब ठाकरे की विरासत की लड़ाई अभी भी जारी है। पार्टी के नाम और चुनाव निशान के बाद अब जंग शिवसेना भवन, शाखाओं के नेटवर्क और फंड को अपने नाम करने की है।

एकनाथ शिंदे FILE PHOTO

क्या है पूरा मामला

पिछले साल एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए महाविकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया था। इसके बाद बालासाहेब ठाकरे की विरासत को लेकर लड़ाई शुरू हुई। उद्धव गुट और शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के सामने पार्टी के नाम और चुनाव निशान को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी, जिसमें उद्धव ठाकरे गुट को अब तक सिर्फ निराशा हाथ लगी है। चुनाव आयोग ने नाम और निशान शिंदे गुट को दे दिया है। दरअसल, चुनाव आयोग के आदेश के बाद अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या शिंदे गुट शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) से संबंधित संपत्ति, फंड और शाखाओं के नेटवर्क पर दावा कर सकता है? बता दें कि ठाकरे परिवार के वफादार कहे जाने वाले सुभाष देसाई के नाम पर ही शिवाई सेवा ट्रस्ट है। मुंबई के एक वकील योगेश देशपांडे ने हाल ही में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि प्रतिष्ठित शिवसेना भवन (पार्टी का मुख्यालय) शिवाई सेवा ट्रस्ट के स्वामित्व में है। इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता संदीप देशपांडे ने ट्विटर पर बताया कि मुंबई शहर के सर्वेक्षण रजिस्टर के दस्तावेज के अनुसार, उद्धव ठाकरे के अलावा ट्रस्टियों में लीलाधर डाके, दिवाकर रावते, सुभाष देसाई, दक्षिण मुंबई के सांसद अरविंद सावंत और मुंबई की पूर्व मेयर विशाखा राउत शामिल हैं।

उद्धव ठाकरे

पार्टी फंड का क्या?

17 फरवरी, 2022 को शिवसेना द्वारा ECI के साथ दायर की गई वित्तीय वर्ष 2020-21 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि पार्टी ने अनुदान, दान, योगदान, सदस्यता और प्रकाशनों की बिक्री के माध्यम से 13 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की है। यहां खास बात ये भी है कि एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया है कि वे उद्धव सेना की किसी भी संपत्ति पर दावा नहीं करेंगे। एकनाश शिंदे ने कहा, “जिन लोगों को संपत्तियों के लालच में लाया गया, उन्होंने 2019 में गलत कदम उठाया और मतदाताओं को धोखा दिया. हालांकि, हमें पार्टी की संपत्ति और फंड का लालच नहीं है। हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाना चाहते हैं ।

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