नारनौल\ हरियाणा:- नारनौल से चंडीगढ़ तक का सफर अब 7 की बजाय 5 घंटे में पूरा होगा। इसके लिए इंतजार लगभग खत्म हो चुका है। केंद्र सरकार के भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेस- वे अगस्त तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस एक्सप्रेस- वे को ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का नाम भी दिया गया है।
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कुल लम्बाई 227 किलोमीटर
इसकी कुल लम्बाई 227 किलोमीटर है। यह दक्षिण हरियाणा को सीधे उत्तर हरियाणा से जोड़ेगा। प्रदेश के 8 जिलों से होकर गुजरने वाले इस ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का सफर भी अत्यधिक आरामदायक रहेगा। इस नये हाईवे का 99 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है। इस प्रोजेक्ट के निर्माण को 8 हिस्सों में बांटा गया है। ऐसे में कुल 8 राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां एनएचएआई के तहत कार्य कर रही हैं।
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20 से 35 किलोमीटर तक का निर्माण कार्य
सभी कंपनियों के पास अलग- अलग से 20 से 35 किलोमीटर तक का निर्माण कार्य है। पहला पैकेज इस्माइलाबाद से ढांड, दूसरा पैकेज ढांड से राजौंदए तीसरा पैकेज राजौंद से खेड़ी जींद, चौथा पैकेज खेड़ी जींद से जुलाना जींद, पांचवां जुलाना से खरकड़ा रोहतक, छठा पैकेज खरकड़ा रोहतक से चरखी दादरीए सातवां पैकेज चरखी दादरी से कनीना महेंद्रगढ़, कनीना महेंद्रगढ़ से नारनौल तक है।
2018 में की गई थी कॉरिडोर की घोषणा
इस कॉरिडोर की घोषणा 2018 में की गई थी और इसके लिए 1826 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया जिस पर 529 करोड़ रुपए खर्च आया था। 14 जुलाईए 2020 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था। कॉरिडोर का निर्माण यूं तो 2021 के अंत तक होना था लेकिन भिवानी जिले के गांव खातीवास क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण को लेकर बने विवाद और कोरोना के कारण इसमें देरी हुई।
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यातायात के लिए सीधी कनेक्टिविटी
बाद में इसके पूरे करने की डेड लाइन फरवरी 2022 रखी गई लेकिन नवंबर और दिसंबर में एनजीटी की बंदिशों और कुछ अन्य विवादों के चलते यह माना जा रहा है कि यह कॉरिडोर अब जून में चालू होगा। अम्बाला- कोटपुतली कॉरिडोर तीन राज्यों में उद्योग के सामान और यात्री यातायात के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
दिल्ली को छोड़कर एक वैकल्पिक मार्ग
प्रमुख शहरों में भीड़ कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस.वे परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। एक्सप्रेस- वे अम्बाला और जयपुर के बीच की दूरी और यात्रा के समय को भी कम करेगा क्योंकि यह दिल्ली को छोड़कर एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा।
गतिसीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा
अधिकारियों के अनुसार इस एक्सप्रेस- वे पर गतिसीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी जाएगी।रोहतक से चंडीगढ़ कुल ढाई से तीन घंटे के बीच में पहुंचा जाएगा, जबकि अभी 5 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है।नया नेशनल हाईवे 152डी न केवल बेहतरीन सफर की अनुभूति देगा बल्कि हाईवे के दोनों तरफ बिखरी हरियाली आपके सफर को आसानदेय बना देगी। जी हां हम बात कर रहे हैं नए बनने वाले ग्रीन फील्ड कॉरिडोर की।
दिल्ली- कटड़ा एक्सप्रेस वे और दिल्ली- मुम्बई एक्सप्रेस वे
यह कॉरिडोर न केवल नारनौल को अम्बाला से जोड़ेगा बल्कि आने वाले समय में इसका इंटर चेंज दिल्ली- कटड़ा एक्सप्रेस वे और दिल्ली- मुम्बई एक्सप्रेस वे से भी जुड़ेगा। ऐसे में क्षेत्र में आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी और लोगों के जीवन स्तर में भी काफी कुछ फर्क पड़ेगा।
ग्रीन फील्ड कॉरिडोर
कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद कस्बे से जैसे ही नेशनल हाईवे नंबर 152 पर कुछ दूर चलेंगे तो इस मार्ग से यह हिसार जाने की बजाय नारनौल की तरफ मुड़ेगा जोकि 152.डी कहलाएगा। इस नए हाईवे को एक और नाम दिया गया है ग्रीन फील्ड कॉरिडोर। जैसा कि नाम है ठीक वैसा ही इस हाईवे पर चढ़ने के बाद नजारा बनता है।
टोल प्लाजा से ही एंट्री.एग्जिट
इस एक्सप्रेस- वे पर सफर करने के लिए टोल प्लाजा से ही एंट्री.एग्जिट करनी पड़ेगी। इस एक्सप्रेस.वे का मेन एंट्री टोल नारनौल में बनाया गया है। इस एक्सप्रेस.वे की कुल लंबाई 227 किलोमीटर होगी जिसके दोनों तरफ 3 ड्राइविंग लेन बनाई गई हैं। अधिकांश जगह पर कॉरिडोर का कार्य पूरा हो चुका है। अब केवल तीन या चार ओवरब्रिज का कार्य अधूरा है।