आंध्र प्रदेश डेस्क- आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां पर, एक 13 साल की नाबालिग लड़की को आठ महीने से ज्यादा समय तक जिस्मफरोशी के लिए विवश किया गया था। पुलिस ने मंगलवार यानी 19 अप्रैल को गुंटूर से उसे रेस्क्यू कर लिया। एक जांच से पता चला कि आठ माह में 80 से ज्यादा पुरुषों द्वारा उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।
B.Tech के एक छात्र समेत 10 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि, मंगलवार 19 अप्रैल को B.Tech के एक छात्र समेत 10 लोगों को अरेस्ट किया गया था। पुलिस ने अपराध में लिप्त 80 लोगों को भी गिरफ्तार करने की कयावद में लग गई है। उनकी खोज की जा रही है जो फरार हैं। दरअसल, पीड़िता को एक महिला सवर्ण कुमारी ने गोद लिया था, जिसने जून 2021 में कोरोना महामारी के दौरान एक अस्पताल में पीड़िता की मां से दोस्ती की थी। लड़की की मां की कोरोना के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद सवर्ण कुमारी, लड़की को लेकर अपने घर आ गई। हालांकि, लड़की के पिता से यह बात छिपा ली गई। अगस्त 2021 में लड़की के पिता ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दी। इसके आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी महिला सवर्ण कुमारी की शिनाख्त की।
वेश्यावृत्ति के लिए विवश
इस मामले में पहली गिरफ्तारी जनवरी में हुई थी। आरोपी और पीड़िता से पूछताछ करने पर पुलिस को पीड़िता की स्थिति की दर्दनाक और हैरान करने वाली सच्चाई पता चली। विगत आठ माह से 13 वर्षीय बच्ची को जिस्मफरोशी के धंधे में इस्तेमाल करने के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग अलग वेश्यालय में भेजा गया था। इसके आधार पर पुलिस ने नाबालिग को जबरन जिस्मफरोशी में धकेलने वाले मुख्य आरोपी के रूप में लड़की को ले जाने वाली महिला की शिनाख्त की। ASP ने बताया है कि, ‘लड़की की आयु और स्थिति का लाभ उठाकर कई गिरोहों ने लड़की को खरीद लिया और उसे दोनों राज्यों में कई जगहों पर ले गए और वेश्यावृत्ति के लिए विवश किया।’
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पुलिस फरार कुछ और आरोपियों की खोज कर रही है। ASP सुप्रजा ने बताया है कि, ‘इस मामले का एक आरोपी लंदन में भी है।’ पुलिस को इस मामले में आरोपियों के पास से एक कार, 53 मोबाइल, तीन ऑटो और बाइक मिले हैं। आरोपियों को विजयवाड़ा, हैदराबाद, काकीनाडा और नेल्लोर से अरेस्ट किया गया था।