बिहार डेस्क- बिहार के पटना से हैरान कर रख देने वाली कबर सामने आई है। जो पटना के अस्पताल से आई है। फेफड़ों में यदि कैंसर बुरी तरह फैल जाए तो डाक्टर जिंदा रहने तक सिर्फ कीमोथेरेपी को ही उपचार मानते हैं। वहीं एम्स पटना के कैंसर सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा. जगजीत पांडेय ने अपनी टीम के साथ हाइपरथरमिक इंट्राथोरैसिक कीमोथेरेपी हिटहाक सर्जरी कर एक 60 वर्षीय महिला और 25 वर्षीय युवक को रोगमुक्त कर दिया है। छाती खोलकर फेफड़े के संक्रमित भाग को निकालने के साथ सीधे संक्रमित जगह पर कीमोथेरेपी देकर कैंसर के छिपे अंशों को पूरी से नष्ट कर दिया गया है।
देश में पहली बार एम्स पटना में यह जटिल सर्जरी की गई है। अबतक टाटा मेमोरियल, एम्स नई दिल्ली समेत देश के किसी सरकारी में इस प्रकार की सर्जरी नहीं की गई है। देश में कुछ चुनींदा निजी हास्पिटल ऐसी सर्जरी करते हैं और इस पर 20 लाख तक खर्च आता है। एम्स पटना में इस सर्जरी पर कुल खर्च तीन लाख आया, जिसका अधिकतर हिस्सा मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से अनुदान स्वरूप मिला। कैंसर सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा. जगजीत पांडेय ने बताया कि, सारण की 60 वर्षीय महिला और पटना के मोकामा निवासी 25 वर्षीय युवक कैंसर विभाग में इलाज कराने आए थे। कैंसर पूरे फेफड़े में फैल चुका था।
संक्रमित हिस्से में कीमोथेरेपी
ऐसे में दोनों को कीमोथेरेपी देने के बाद बेहतर उपचार के लिए दोनों को सर्जरी विभाग में भेजा गया था। रोगियों की हालत को देखते हुए हमने हाइपरथरमिक इंट्राथोरैसिक कीमोथेरेपी सर्जरी करने का निर्णय लिया। सात मार्च को 60 वर्षीय महिला की सर्जरी की और बुरी तरह संक्रमित एक फेफड़े को निकाल दिया गया। आठ मार्च को युवक के फेफड़े के तीन में बुरी तरह संक्रमित एक हिस्से को बाहर निकाला गया। दोनों ही मामलों में संक्रमित हिस्से निकालने के बाद दवा को गर्म कर सीधे संक्रमित हिस्से में कीमोथेरेपी दी गई।
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इससे फेफड़े में छिपे सभी कैंसर के अंश पूरी तरह खत्म हो गए। अब दोनों मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। चिकित्साधीक्षक डा. सीएम सिंह ने देश के किसी सरकारी अस्पताल में ऐसी पहली सर्जरी करने के लिए डाक्टरों को बधाई दी है। इस जटिल सर्जरी को करने वाली टीम में रेडिएशन की विभागाध्यक्ष डा. प्रितांजलि, पल्मोनरी के विभागाध्यक्ष डा. दीपेंद्र राय, डा. सौरभ करमाकर, डा. कुणाल सिंह, डा. सतीश, डा. सत्यनारायण और डा. राहुल शामिल थे। एम्स के निदेशक डा. सौरभ वार्ष्णेय ने भी डा. जगजीत और उनकी टीम को बधाई दी।