Friday , 20 September 2024

युक्रेन से लौटे बच्चों से मंत्री अनिल विज ने जानी ‘दिल की बात’, कहा- आगे भी जारी रहेगा सिलसिला

हरियाणा डेस्क- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की बदौलत संकटग्रस्त यूक्रेन से विद्यार्थियों को सुरक्षित भारत में वापस लाया जा सका है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जी ने विषम परिस्थितियों में भी इस कार्य को करके दिखाया है जो हमारे लिए गर्व की बात है। सोमवार को गृह मंत्री अनिल विज के आवास पर यूक्रेन से लौटे विभिन्न जिलों के विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों ने उनसे मुलाकात की और सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद जताया।

गौरतलब है कि, गृह मंत्री अनिल विज ने भी यूक्रेन से हरियाणा के छात्रों को सकुशल वापस लाने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पत्राचार किया था। यूक्रेन से लौटे अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल व अन्य जिलों के दर्जनों विद्यार्थियों ने गृह मंत्री अनिल विज मुलाकात करते हुए उनका धन्यवाद जताया। विद्यार्थियों ने कहा कि सरकार यदि समय रहते सही कदम नहीं उठाती तो उनका वापस लौटना और मुश्किलों भरा हो जाता।

गृह मंत्री अनिल विज को ‘थैंक्यू’
उन्होंने गृह मंत्री अनिल विज को ‘थैंक्यू’ कहा और पुष्पगुच्छे भी भेंट किए। गृह मंत्री अनिल विज ने विद्यार्थियों से बातचीत और जाना कि वह किस मार्ग से देश वापस लौट सके। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। आपदा के समय देश के नागरिकों को सकुशल निकालने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जाते हैं। इससे पहले चीन और अफगानिस्तान से भी नागरिकों को सकुशल वापस लाया जा चुका है।

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शेष मेडिकल पढ़ाई शुरू करने की मांग
विद्यार्थियों की देश में शेष मेडिकल पढ़ाई शुरू करने की मांग पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार से बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा बच्चों की शिक्षा पूरी हो, इसके लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे। गृह मंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

‘तिरंगा लेकर घूमे तो बची जान, पाकिस्तानी छात्रों ने भी तिरंगे उठाए’
विभिन्न जिलों से आए विद्यार्थी चिराग सबलोक, अंकुर शर्मा, रीतिक मलिक, विदित कंबोज, साक्षी कंबोज, मनप्रीत कौर, डोली एवं अन्य ने गृह मंत्री अनिल विज को बताया कि वह तिरंगा लेकर सड़कों पर निकलते थे और सैनिक तिरंगा देखकर उन्हें आगे बढ़ने देते थे। कई सैनिकों ने उन्हें बार्डर तक पहुंचने में मदद भी की। उन्होंने बताया कि कई पाकिस्तानी छात्र भी उनके देख तिरंगा उठाकर सुरक्षित बार्डर तक पहुंचे थे।

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