हरियाणा डेस्क- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान हाल ही में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी फसलों को हुए नुकसान पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि बीमा न होने पर फसलों के नुकसान पर 12 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता था। हालांकि, हमारी सरकार ने इस वर्ष से इस राशि को बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ किया है। बीमा होने पर किसानों को प्रति एकड़ मिलने वाला मुआवजा की राशि अधिक होती है इसलिए सभी विधायक किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री ने दी ये जानकारी
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान को फसलों के अनुसार 2 प्रतिशत और 5 प्रतिशत प्रीमियम की राशि भरनी होती है, जो 500 से 700 रुपये ही बनती है। प्रीमियम की शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार वहन करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, खेतों से मिट्टी ईंट भट्ठा या अन्य उपयोगों के लिए उठाई जाती है और कई बार किसान वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए स्वयं अपने खेत की मिट्टी सड़क, नहर या कोई अन्य परियोजना जहां भरत करने के लिए मिट्टी की आवश्यकता है, के लिए उठवा लेता है। बाद में उसका खेत दूसरे खेत के मुकाबले 2 से 3 फुट नीचे हो जाता है और यही जलभराव का कारण बनता है।
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आपत्ति जताने पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट करते हुए सदन को अवगत कराया
मुख्यमंत्री ने सदस्यों से अपील की कि, वे किसानों को प्रेरित करें कि वे ऐसे जलभराव वाले खेतों का उपयोग मत्स्य पालन के लिए करें। अभय सिंह चौटाला द्वारा दर्शक दीर्घा में एक व्यक्ति द्वारा अपने गले में बीजेपी का पटका पहनकर आने पर आपत्ति जताने पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट करते हुए सदन को अवगत कराया कि, हरियाणा विधानसभा की रूल बुक में ऐसा कोई नियम नहीं है।
हालांकि, लोकसभा की संसदीय कार्यप्रणाली रूल बुक में सदस्यों पर ऐसा न करने का नियम अवश्य है, परंतु दर्शक दीर्घा के लिए वहां भी ऐसा कोई नियम नहीं है। केवल मौखिक तौर पर वाच एंड वार्ड के सदस्यों व सुरक्षाकर्मियों को ऐसे निर्देश होते हैं कि वे इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, सदन की कार्यवाही देखने के लिए आने वाले व्यक्ति इस तरह का पटका या बैच लगाकर न आए।