पंचकूला 2 दिसंबर : सैक्टर-5 स्थित हुडा ग्राउंड में मांगों को लेकर अमारण अनशन पर बैठे हुए जेबीटी अध्यापकों को शनिवार को चार दिन हो चुके है। अध्यापक पिछले कई महीनो से अपनी जॉब को पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं । अध्यापकों का कहना है कि सरकार की तरफ से यह वादा किया गया था कि दिवाली से पहले सभी अध्यापकों को विभाग में ले लिया जाएगा, लेकिन उस वादे को लगभग 45 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई है। कार्यवाही न होने की वजह से अध्यापकों ने एक बार फिर आंदोलन की राह पकड ली है। पिछले 4 दिनों से 11 जेबीटी अध्यापक आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। अमारण अनशन के दौरान अध्यापकों ने राहगीरों की गाड़ी रोक उनकी सफाई कर सरकार के प्रति अपना रोष जाहिर किया। उनका कहना है कि सरकार व शिक्षा विभाग ने पढे लिखे अध्यापकों को रोड पर लकर रख दिया है। अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि इससे पहले अध्यापकों ने करनाल में दो बार आमरण अनशन कर चुके हैं और सरकार ने इन अध्यापकों को आश्वासन देकर उनका आमरण अनशन समाप्त करवाया था। उन्होने कहा कि प्रदेश के मनोहर लाल खट्टर ने अध्यापकों से वादा किया था कि इनको विभाग में वापस ले लिया जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नही हुआ है। राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि चार दिन से अमारण अनशन पर बैठे अध्यापकों की तबीयत बिगडनी शुरू हो गई है। उनका कहना है कि अनशन पर बैठे अध्यापकों की ओर सरकार कोई ध्यान नही दे रही है। सरकार जेबीटी अध्यापकों के साथ सौतेलो जैसा व्यवहार कर रही है। आमरण अनशन पर सुशील , सत्यवान , कुलदीप , राज कुमार जसमेर , विजेंदर आशीष , हितेंद्र , सुमन , प्रियंका , अरुणा विजयलक्ष्मी , बबीता व मीनू बैठे है। अनशन पर बैठी मीनू ने बताया ने बताया कि सरकार द्वारा 6 महीने से केवल वादे किए जा रहे हैं और उनको नियुक्ति ना देने के चलते वह भारी मानसिक व समाजिक प्रताडऩा झेल रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द उन्हें नियुक्ति दी जाए। ताकि पढे लिखे अध्यापक अपनी सही जगह पर पहुंच जाएं।