इंटरनेशनल डेस्क- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई तेज कर दी है। उन्होंने फेसबुक और ट्विटर के साथ-साथ यूट्यूब को भी को बैन कर दिया है। इसके लिए एक बिल पर हस्ताक्षर किया है। इस कानून के तहत देश के सशस्त्र बलों के बारे में ”झूठी” सूचना फैलाने पर किसी व्यक्ति को 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
सोशल मीडिया दिग्गजों के खिलाफ कदम के साथ बीबीसी, अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित वॉयस ऑफ अमेरिका और रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी, जर्मन प्रसारक डॉयचे वेले और लातविया स्थित वेबसाइट मेडुजा को भी ब्लॉक कर दिया गया था। रूसी भाषा में समाचार प्रकाशित करने वाले विदेशी आउटलेट्स के खिलाफ सरकार की व्यापक कार्रवाई ने पुतिन के तेवर साफ कर दिए हैं। रूस लगातार इस बात का आरोप लगाता रहा है कि, यूक्रेन पर आक्रमण के बारे में घरेलू दर्शकों को गलत सूचना दी जा रही है।
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बदनाम करने के लिए के गंभीर आरोप
राज्य के मीडिया आउटलेट रूस के यूक्रेन पर आक्रमण को युद्ध या आक्रमण के बजाय “विशेष सैन्य अभियान” के रूप में संदर्भित करते हैं। संसद के निचले सदन के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोडिन ने कहा कि ताजा कार्रवाई उन लोगों को मजबूर करेगा जिन्होंने झूठ बोला और हमारे सशस्त्र बलों को बदनाम करने के लिए बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि हर कोई यह समझे कि हम अपने सैनिकों और अधिकारियों की रक्षा के लिए ऐसा कर रहे हैं।” BBC ने रूस में अपने पत्रकारों के कामकाज पर अस्थायी रोक लगायी है। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने शुक्रवार को कहा कि रूस के एक नया कानून लाने के बाद उसके पास रूस में अपने पत्रकारों का कामकाज अस्थायी रूप से निलंबित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।