हरियाणा डेस्क- हरियाणा के रोहतक से बाल विवाह व यौन उत्पीड़न का दिलदहला देने वाला मामला सामने आया जहां पर, बाल विवाह और यौन उत्पीड़न का शिकार हुई नाबालिग को आखिर अब जाकर न्याय की उम्मीद जगी है। पिछले डेढ़ माह से पीड़िता की सुनवाई नहीं कर रही पुलिस ने हाई कोर्ट की कार्रवाई के डर से केस दर्ज कर लिया है। इसमें पति, सास, ननद, ननदोई एसपी व पड़ोसी समेत दस लोग शामिल हैं। पीड़िता के पिता ने कार्रवाई नहीं होने के चलते हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
दरअसल, लाखनमाजरा इलाके के एक गांव के रहने वाले पीड़िता के पिता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि, करीब एक साल पहले मई 2021 को पानीपत के आदियाण गांव का एक किसान परिवार बेटी से रिश्ते के लिए आया। पिता के मुताबिक दबाव डालकर उन्होंने मुझे नाबालिग बेटी की शादी करने पर मजबूर कर दिया। बेटी की उम्र 15 साल थी, जबकि लड़का 30 साल का था। शादी के चार माह बाद ही अक्तूबर 2021 को वे लोग बेटी को घर पर छोड़ गए। साथ ही यूपी के एक जिले में तैनात एसपी दामाद की धौंस दिखाते हुए कुछ नहीं बिगड़ने की बात कहते हुए चुप रहने को कहा।
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नाबालिग की बिगड़ी हालत
बेटी ने भी उनकी हैवानियत से खौफजदा होने के कारण वहां जाने से इनकार कर दिया। हैवानियत के कारण नाबालिग की हालत बिगड़ गई थी। पिता उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने बात की तो नाबालिग ने उत्पीड़न की दास्तां बताई। उसने बताया कि ससुराल में सास के कहने पर परिवार के ही एक युवक ने उससे दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उस पर चाकू से हमला किया गया। पति ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया व अप्राकृतिक संबंध बनाए। इसके बाद 16 दिसंबर 2021 को पहली शिकायत दी गई।
इन धाराओं के तहत केस दर्ज
उसके पिता ने लाखनमाजरा थाने में शिकायत भी दी। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा एसपी व सीएम विंडो पर भी शिकायत दी गई। यहां से भी राहत नहीं मिली। कोर्ट में जवाब देने के चलते पुलिस ने मंगलवार देर रात केस दर्ज कर अदालत में अपना जवाब दिया। इसमें पति, सास, ननद, आईपीएस ननदोई, पड़ोसी समेत 10 लोगों के खिलाफ पॉक्सो, आईपीएस की धारा 376, 377, दहेज प्रताड़ना, बाल विवाह अधिनियम समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।