Thursday , 19 September 2024

हरियाणा के इस जिले से पकड़े गए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 3 मददगार, आतंकियों की इस तरह करते थे मदद

हरियाणा डेस्क : हरियाणा के सोनीपत में जीटी रोड पर गन्नौर व मुरथल के बीच से सोनीपत पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन मददगारों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है और उन्हें हिरासत में ले लिया है। आरोपियों में पति-पत्नी व उनका तीसरा साथी शामिल हैं। इनकी पहचान रवि, वरिंद्र दीप कौर और कणभ के रूप में हुई है। रवि और वरिंद्र दीप कौर पति-पत्नी हैं, जबकि कणभ उनका साथी है। आरोपित पति-पत्नी पंजाब के तरनतारन के रहने वाले हैं, जबकि उनका साथी जालंधर का है।

आरोपी फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भागने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे

तीनो आरोपी फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भागने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आरोपित पाकिस्तान में आतंकी संगठन के आकाओं के संपर्क में थे। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को फंडिंग  करते थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस से इनपुट मिला था कि जैश-ए-मोहम्मद के 3 मददगार निजी वाहन से सोनीपत से गुजरेंगे।

 

तलाशी के दौरान इनके पास से फतेहाबाद से तैयार कराए गए फर्जी पासपोर्ट बरामद किए

सोनीपत पुलिस को तीनों संदिग्ध की पहचान के लिए फोटो उपलब्ध कराए गए थे। इसके बाद सोनीपत पुलिस हरकत में आ गई और गन्नौर-मुरथल के बीच नाका लगाकर निगरानी शुरू कर दी। इसी बीच रविवार (30 जनवरी 2022) देर रात कार से एक महिला और दो युवकों को आता देख पुलिस ने उन्हें रोकने के बाद हिरासत में ले लिया। तलाशी के दौरान इनके पास से फतेहाबाद से तैयार कराए गए फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए। इसकी सूचना जम्मू-कश्मीर पुलिस के दिल्ली मुख्यालय को दी गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी संदीप भट्ट अपनी टीम के साथ सोनीपत पहुँचे। तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से ट्राजिंट रिमांड पर लेकर तीनों को लेकर पुलिस जम्मू रवाना हो गई।

दो आतंकी की गिरफ्तारी के बाद मिला था इनपुट

पुलिस के अनुसार नवंबर, 2021 को जम्मू-कश्मीर में दो आतंकी मोहम्मद परवेज और उमर फारुख पकड़े गए थे। इन दोनों से पुलिस ने तकरीबन 43 लाख रुपए बरामद किए थे। पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह वे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आशिक नैनग्रो के लिए काम करते थे। उसे ये पैसे अमृतसर में अज्ञात मददगार ने नवंबर में दिए थे। पुलिस जाँच में अज्ञात मददगार की पहचान रवि और उसकी पत्नी वरिंद्र दीप कौर के रूप में हुई थी।

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