कृषि विभाग पंजाब से संबंधित मुख्य इंस्पैक्टर गुरजीत सिंह बराड़ ने बताया कि पी.ओ.एस. मशीनें बायोमीट्रिक प्रणाली के साथ जुड़ी हैं। जब भी किसान खाद खरीदने जाएगा तो उसे अपना आधारकार्ड या आधार नंबर बताना पड़ेगा। दुकानदार इंटरनैट के साथ जुड़ी इस मशीन पर किसान का अंगूठा या कोई अन्य उंगली लगवाएगा। इसके उपरांत किसान जितनी खाद खरीदेगा, उस की जानकारी सरकार और संबंधित विभागों तक पहुंच जाएगी, जिसके बाद ही सरकार की तरफ से संबंधित कम्पनियों को सबसिडी जारी की जाएगी।
कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरैक्टर जगतार सिंह बराड़ ने बताया कि पंजाब में कुल 12,000 के करीब खाद विक्रेता हैं परन्तु यह मशीन सिर्फ उन डीलरों की दुकानों पर लगनी है जो सबसिडी वाली खादें बेचते हैं। पंजाब में करीब 3,800 सहकारी सभाओं को मिलाकर कुल 8,877 अधिकृत डीलर नाईट्रोजन, फासफोरस और पोटाश आदि तत्वों वाली खादें बेचते हैं।