चंडीगढ,28नवम्बर। पंजाब विधानसभा में मंगलवार को अकाली दल सदस्यों द्वारा किसानों की कर्ज माफी की अधिसूचना को अमल में लाने की मांग करते हुए लगातार नारेबाजी करते हुए कार्यवाही को बाधित रखे जाने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि आगामी 14दिसम्बर को कर्ज माफी की पहली किस्त जारी की जायेगी। पहली किस्त में सहकारी बैंकों के कर्ज के 5600 करोड रूपए जारी किए जाने की संभावना है।
कैप्टेन अमरिंदर सिंह सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों के दो लाख रूपए तक के कर्ज माफ करने का फैसला किया है। कृषि अर्थशास्त्री टी हक के नेतृत्व वाली कमेटी की सिफारिश पर किसानों की कर्ज माफी की जा रही है। कर्ज माफी के लिए कैप्टेन सरकार अधिसूचना भी जारी कर चुकी है लेकिन सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि कर्ज माफी की प्रक्रिया जारी है।
अकाली दल विधायक दल के नेता सुखवीर बादल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस सरकार किसानों की कर्ज माफी के लिए अधिसूचना जारी कर चुकी है लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा। अब हाल यह है कि बैंकों ने अगली फसल के लिए किसानों को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। किसान अब साहूकारों की गिरफ्त में आने के लिए मजबूर है। आम आदमी पार्टी व कांग्रेस मिलीभगत की लडाई लड रहे है। सिर्फ अकाली दल ही किसान व मजदूर की लडाई लड रहा है। कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण की सारी योजनाएं बन्द कर दी है। मंत्री और कांग्रेस विधायकों की चीनी मिलों के कारण किसानों का गन्ने का मूल्य नहीं बढाया जा रहा। यह कन्फलिक्ट आॅफ इंटरेस्ट हैं। कांग्रेस विधायक रेत माफिया का काम कर रहे है।
आम आदमी पार्टी द्वारा अपने नेता सुखपाल खैहरा के खिलाफ ड्ग तस्करी मामले में हाईकोर्ट जज को रिश्वत दिए जाने के आरोप पर सुखवीर बादल ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच की मांग एक ड्रामा है। हाईकोर्ट ने फाजिल्का की अदालत में पक्ष रखने के लिए कहा है। आम आदमी पार्टी के लिए खैहरा मुद्दा है किसान नहीं है। यह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मिली-जुली रणनीति है।