उत्तराखण्ड डेस्क- उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव की तारीख़ का ऐलान हो चुका है, अब इंतजार केवल प्रत्याशियों के नाम का है, लेकिन इस बार प्रचार केवल वर्चुअल माध्यम से होना है। चुनौती यह भी है की दूरदराज के इलाकों में नेटवर्किंग और दूरसंचार माध्यम में दिक्कत प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार में अड़चन पैदा कर सकती है। वर्चुअल प्रचार को लेकर भाजपा पूरी तरीके से तैयार दिख रही है,
कोविड काल के दौरान भाजपा की अधिकतर बैठकें वर्चुअल मोड पर ही होती रही हैं जिससे भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी वर्चुअल मोड पर प्रचार प्रसार के लिए तैयार नजर आ रहे हैं, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के मुताबिक 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुआ तो भाजपा ने उसी समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां अधिकतर विधानसभाओं के अंदर वर्चुअल रूप में की थी।
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विधानसभा चुनाव में केवल 1 महीने का वक्त
तो वहीं कांग्रेस पब्लिसिटी कमेटी के अध्यक्ष सुमित हृदयेश के मुताबिक पार्टी वर्चुअल मोड पर प्रचार प्रसार के लिए पूरी तरीके से तैयार है। इसके अलावा कांग्रेस नेता 5 – 5 लोगों की टोली बनाकर लोगों के घर घर तक पहुंचने का भी प्रयास करेंगे, यही नहीं एलईडी वैन, ट्विटर और फेसबुक के जरिए कांग्रेस प्रत्याशी जनता तक पहुंचने का पूरा प्रयास करेंगे। बहरहाल विधानसभा चुनाव में केवल 1 महीने का वक्त बचा है, फिलहाल इंतजार उम्मीदवारों के नाम के ऐलान का है, जिसके बाद सभी राजनैतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को लेकर वर्चुअल मोड में प्रचार प्रसार को धार देंगे, अब देखना यही है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में कौन सा राजनैतिक दल वर्चुअल मोड के सहारे जीत का परचम लहराता है।