पंजाब डेस्क- पंजाब में 14 फरवरी से विधानसभा के चुनाव शुरु होंगे। 2017 के मुकाबले इस बार के चुनाव में बदलाव होगा। बता दें, 2017 के चुनावों में सत्ता में भाजपा-अकाली का गठबंधन था। जबकि,अब ये दोनों अलग-अलग हैं। भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर की नई पार्टी के साथ गठबंधन किया है।वहीं चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव की तिथि का एलान कर दिया है। यहां एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होंगे। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। आयोग ने बताया कि, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई तरह के एहतियात बरते जाएंगे।
ये होंगे मुख्यमंत्री पद के चेहरे
चरणजीत सिंह चन्नी जो कि, पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री है कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं। पार्टी उन्हें आगे भी मुख्यमंत्री बनाए रखने की बात कर रही है। हालांकि, नवजोत सिद्धू भी इस पद् को पाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वहीं, अकाली दल की ओर से सुखबीर बादल मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल हैं नई पार्टी बनाकर कैप्टन ने भाजपा के साथ समझौता करने का एलान किया है।
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चुनाव के विशेष मुद्दे
चुनाव का पहला मुद्दा तीनों नए कृषि कानून होगा। बतादें,वापस होने के बाद भी ये चुनाव का मुद्दा होगा। इन कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब में ही हुआ। इन कानूनों की वजह से अकाली दल ने भाजपा से अपना दशकों पुराना गठबंधन तोड़ दिया। वही दूसरा मुद्दा बेअदबी का मामला होगा ये मामला अक्टूबर 2015 से ही पंजाब के लिए एक बड़ा मुद्दा है। उस वक्त गुरु ग्रंथ साहिब के पन्ने फरीदकोट के बरगरी गांव के गुरुद्वारे के बाहर मिले थे। बेरोजगारी चुनावों का तीसरा विशेष मुद्दा होगा चुनाव रैलियों के दौरान विपक्ष बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाएगा।