पंजाब डेस्क: पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरो-शोरों से शुरू हो गई हैं। दल बदलने का दौर जारी है। तो वहीं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से अलग होकर अलग पार्टी बनाने वाले दिग्गज अकाली नेता रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा अपनी पूरी टीम के साथ गुरुवार को शिअद में फिर से शामिल हो गए। उन्होंने यह कदम सुखदेव सिंह ढींढसा के नेतृत्व में संयुक्त अकाली दल के भाजपा से चुनावी गठबंधन करने के फैसले के विरोध में उठाया।
इसके साथ भाजपा और संयुक्त अकाली दल के बीच चल रही गठबंधन की वार्ता भी खटाई में पड़ गई है क्योंकि इस मामले में ढींढसा और उनकी टीम अलग-थलग पड़ गई है।
ब्रह्मपुरा को पार्टी का उप-संरक्षक नियुक्त किया गया
ब्रह्मपुरा गुरुवार दोपहर शिअद के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की मौजूदगी में अपने आवास पर आयोजित एक सादे समारोह में शिअद में शामिल हो गए। उन्हें पार्टी का उप-संरक्षक नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर ब्रह्मपुरा के साथ संयुक्त अकाली दल के जत्थेदार उजागर सिंह बडाली, जत्थेदार मोहिंदर सिंह हुसैनपुर, रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा (इन सभी को अब शिअद में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है), करनैल सिंह पीरमोहम्मद (महासचिव और प्रवक्ता नियुक्त किया गया है) और जत्थेदार मनमोहन सिंह सत्याला (महासचिव), गोपाल सिंह जानियां (संगठन सचिव), गुरप्रीत सिंह कलकत्ता (संयुक्त सचिव) और जगरूप सिंह चीमा को यूथ अकाली दल का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
मैं अपनी पार्टी से कुछ दिन छुट्टी पर था- ब्रह्मपुरा
इस अवसर पर ब्रह्मपुरा ने कहा, ‘मैं अपनी मुख्य पार्टी से उसी तरह से छुट्टी पर था, जिस तरह से एक ‘फौजी’ अपनी बटालियन में फिर से शामिल होने से पहले कुछ समय के लिए छुट्टी पर चला जाता है।