हरियाणा डेस्क: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि आगामी 1 जनवरी, 2022 से हरियाणा राज्य में भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे कि रेस्टोरेंट्स, मॉल, बैंक, कार्यालय इत्यादि भीड़भाड़ वाली जगहों में कोरोना की दूसरी डोज़ ना लगवाने वाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हम हरियाणा को देश में ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं और हरियाणा एक ऐसा प्रदेश होगा जो देशभर में ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा।
ओमीक्रोन की चिंता वाजिब है- विज
विज ने कहा कि, ओमीक्रोन की चिंता वाजिब है और इसके लिए डब्ल्यूएचओ के साथ-साथ पूरी दुनिया चिंता कर रही है, यह कितना इनफेक्शियस है या खतरनाक है इसका अभी तक पूरी तरह से पता नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि, हमने कोरोना से पीड़ित लोगों की जान बचाने में कार्य कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों जिनमें डॉक्टर हो, पैरामेडिकल स्टाफ हो, नर्स हो, एंबुलेंस ड्राइवर हो, जिनकी भी कोरोना के दौरान ऐसी सेवा करते हुए मृत्यु हुई है, उन लोगों की याद में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय पर वाल ऑफ मेमोरी बनाई गई है जिसका उन्होंने स्वयं उद्घाटन किया है।
कोरोना काल के इतिहास को लिखने के लिए कमेटी का गठन भी करने के निर्देश दिए
विज ने कहा कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग के 28 लोगों की जान गई है जिनमें से 27 लोगों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है तथा एक अन्य को जल्द देनी देने की कवायद जारी है। फ्रंटलाइन वर्कर जिनमें पुलिस और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कर्मचारी भी आते हैं, वे चाहते हैं कि पुलिस के मुख्यालय पर भी इस प्रकार की वाल ऑफ मेमोरी बनाई जाए और यूएलबी में भी उन्होंने इस प्रकार की बाल ऑफ मेमोरी बनाने के लिए अधिकारियों को कहा है।
वैक्सीन की दोनों डोज़ नहीं लगवाने वाले को अब से इन जगहों पर नहीं मिलेगी एंट्री – अनिल विज
उन्होंने कहा कि यह इतिहास लिखा जाना है और इस कोरोना काल के इतिहास को लिखने के लिए उनके द्वारा एक कमेटी का गठन भी करने के निर्देश दिए गए हैं, जो यह कमेटी इतिहास को लिखने का काम कर रही है कि किस प्रकार से कोरोना बीमारी के दौरान लोगों की जान बचाई गई, मेडिसिन उपलब्ध कराई गई है, ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई और किस प्रकार से लोगों की पीपीई किट्स उपलब्ध करवाई गई और लोगों की शहादत का वर्णन भी इसमें होगा।
बूस्टर डोज़ के संबंध में केंद्र सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया
मंत्री विज ने कहा कि अभी तक बूस्टर डोज़ के संबंध में केंद्र सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं हेल्थ मिनिस्टर हैं और दूसरी वेव के दौरान वे स्वयं अंबाला के सिविल अस्पताल में भर्ती हुए और जिद करके वे पीजीआईएमएस में गये लेकिन फिर लोग उन्हें मेदांता में ले गये।