नेशनल डेस्क: एकसाल के बाद आखिरकार किसान आंदोलन खत्म हो गया है, सरकार और किसानों के बीच सहमति बन गई है और आंदोलन पर विराम लग गया है। किसानों का राष्ट्रीय राजमार्गों पर उनके कब्जे वाले स्थलों से हटना शुरू हो गया है।
दिल्ली की सीमाओं से किसान शनिवार से अब अपने गांवों का रुख करना शुरू कर देंगे। पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम राज्यों के किसानों का जत्था जश्न मनाते हुए लौट जाएगा। शनिवार को किसानों की तरफ से जश्न की रैलियां निकाली जाएंगी। सीडीएस बिपिन रावत उनकी पत्नी समेत 13 लोगों के अंतिम संस्कार के चलते किसानों ने अपने जश्न को एक दिन के लिए टाल दिया। आगे की रणनीति तय करने के लिए 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की समीक्षा बैठक होगी।
विजय रैलियां निकालकर होंगे घर रवाना
दिल्ली की सीमाओं पर 378 दिन से जारी किसान आंदोलन खत्म होने के बाद 15 दिसंबर तक सभी टोल प्लाजाओं को भी खाली कर दिया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि, 11 दिसंबर को विजय रैलियां निकालकर घर रवाना हो जाएंगे। आंदोलन खत्म होने से किसानों में खुशी साफ झलक रही है। इससे पहले आंदोलन खत्म होने की घोषणा के बाद किसानों के समूह अपने ट्रैक्टरों पर गाने संगीत के साथ नाचते आपस में मिठाई बांटते देखे गए। कुछ दल विजय गीत गाते दिखे तो लोग उन पर फूल बरसा रहे थे।