नेशनल डेस्क: आखिरकार किसान आंदोलन खत्म हो गया । जी हां, तीनों केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली से सटी सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहा किसान आंदोलन गुरूवार को समाप्त हो गया। इसके साथ ही किसानों की वापसी का ऐलान भी हो गया है। लेकिन किसान बीते कल हुए सैन्य विमान हादसे के चलते अपनी जीत का जश्न नहीं मनाएंगे। किसानों ने सीडीएस बिपिन सहित 13 लोगों को श्रद्धांजलि दी है।
11 दिसंबर से चरणबद्ध तरीके से किसानों की वापसी होगी
वहीं इसके तहत 11 दिसंबर से चरणबद्ध तरीके से किसानों की वापसी होगी। इसके तहत दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) शंभु बार्डर तक जुलूस के रूप में किसान प्रदर्शनकारी जाएंगे। इसके बीच में करनाल में पड़ाव हो सकता है। प्रदर्शनकारियों की वापसी के दौरान हरियाणा के किसान पंजाब जाने वाले किसानों पर जगह-जगह करेंगे पुष्प वर्षा। इसे किसान आंदोलन खत्म करने के ऐलान के तौर पर देखा जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पंजाब-हरियाणा से शंभु बार्डर तक फतह मार्च निकाला जाएगा। मोर्चा किस तरह वापसी करेगा, कहां-कहां इनका पड़ाव और कैसे व्यवस्था होगी? इस पर भी मंथन किया गया है और जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा।