पंजाब डेस्क: पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को पहली बार पार्टी हाईकमान ने जोर का झटका दिया है। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को अपने दम पर 80 फीसदी सीटें जिताने का दावा कर सिद्धू ने हाईकमान को पंजाब चुनाव का जो मॉडल प्रस्तुत किया था, उसे साइड करते हुए सोमवार को पार्टी ने चुनाव प्रक्रिया संबंधी अहम जिम्मेदारियां सीनियर और अनुभवी नेताओं को सौंप दी। हाईकमान ने अंबिका सोनी को जहां चुनाव समन्वय समिति की चेयरपर्सन लगाया, वहीं पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ को प्रचार समिति, सांसद प्रताप बाजवा को चुनाव मेनिफेस्टो कमेटी और अजय माकन को स्क्रीनिंग कमेटी का जिम्मा सौंप दिया है।
पार्टी में जारी है टिका-टिप्पणी का सिलसिला
बता दें, नवजोत सिद्धू को प्रदेश प्रधान नियुक्त करने के बाद से राज्य में पार्टी और सरकार के बीच कई तरह के विवाद गहराने लगे थे। इन्हीं विवादों के दौरान ही पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया, जिसे लेकर कांग्रेस वर्करों और आम लोगों में यह धारणा बनी कि यह सारा उलटफेर सिद्धू के कारण हुआ।
सिद्धू इस इल्जाम से उभरे भी नहीं थे कि, अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर वह मुख्यमंत्री चन्नी से भी भिड़ गए। सिद्धू ने प्रधान पद से इस्तीफा देकर हाईकमान पर भी दबाव बनाया, जिसे स्वीकार करते हुए पार्टी ने सिद्धू की शर्तें मान लीं। इसके बाद भी सिद्धू द्वारा अपनी ही पार्टी की सरकार के कामकाज पर सार्वजनिक तौर पर टिका-टिप्पणी करने का सिलसिला अब तक थमा नहीं।