नेशनल डेस्क: पीएम मोदी ने भले ही कृषि कानून वापस लिए जाने का ऐलान कर दिया हो। लेकिन किसान अभी भी शांत नहीं हो रहे हैं। आलम ये है कि, दिल्ली की टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है। संसद का शीतकालीन सत्र भी 26 नवंबर को शुरू हो रहा है। तो वहीं किसानों का इसी दिन शक्ति-प्रदर्शन के साथ ही 29 नवंबर से 500 किसानों का ट्रैक्टर से संसद कूच करने का प्लान है।
किसान अपने आंदोलन के एक साल पूरा होने पर भारी शक्ति-प्रदर्शन का प्लान बना रहे हैं
26 नवंबर, 2021 को किसान अपने आंदोलन के एक साल पूरा होने पर भारी शक्ति-प्रदर्शन का प्लान बना रहे हैं। खाली दिख रहे टेंट्स भी बढ़ गए हैं। बीते मात्र 4 दिनों में किसानों की तादाद वहाँ दोगुनी हो गई है। अब जब 29 नवंबर को संसद की ओर ट्रैक्टर से कूच का कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ है, दिल्ली का पुलिस-प्रशासन भी परेशान है कि आंदोलनकारियों का अगला कदम क्या होगा। दिल्ली पुलिस उनसे सामंजस्य बनाने के प्रयासों में जुटी हुई है। यह पता लगाया जा रहा है कि किसान आगे क्या करेंगे।
तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन में अब ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)’ के तहत कानून बनाने और 750 किसानों की मौत का दावा कर के उन सब के परिवारों को मुआवजा प्रदान करने की माँग की जा रही है।
ये कहा राकेश टिकैत ने ..
वहीं राकेश टिकैत ने कहा है कि हमारे पास तो 700 डिमांड्स हैं, सरकार से इन सब पर चर्चा चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि, ‘ये जो संसद सत्र चलाते हैं, वो क्या करते हैं वहाँ पर? डिमांड्स को अप्रूव करते हैं, उन्हें लागू करते हैं। हम दिल्ली जाएँगे। 500 किसान 30 ट्रैक्टरों के साथ संसद पहुंचेंगे। अभी तो MSP है, 700 मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजा है, केस वापस लेने हैं, सीड बिल है, पेस्टीसिड्स बिल है, ये सब सदन में आना है।’