विविधता भारत की सुन्दरता है लेकिन यह दूरियों व भेदभावों में नहीं बदलनी चाहिए। ऐसा होता है तो देश की एकता को खतरा पैदा हो जाता है। यह बात राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी ने राजभवन में पांच राज्यों से आए आदिवासी युवाओं को सम्बोधित करते हुए कही।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने बुधवार को पंचकूला में नेहरू युवा केन्द्र संगठन के एक सप्ताह के 10वें युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में शिरकत की। जिसमें पांच राज्यों जैसे उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और बिहारवामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के युवा भाग ले रहे हैं। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि विविधता भारत की सुन्दरता है लेकिन यह दूरियों व भेदभावों में नहीं बदलनी चाहिए। ऐसा होता है तो देश की एकता को खतरा पैदा हो जाता है। राज्यपाल ने आदिवासी युवाओं से अपील की कि वे देश के विकास को देखकर अपने क्षेत्रों में भी ऐसा ही विकास करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक भारतीय है। कोई भी स्थानीय अथवा बाहरी नहीं है। आदिवासियों के स्थानीय और अन्य का बाहरी होने का भ्रम देशविरोधी फैलाते हैं। जबकि आदिवासी इसलिए आदिवासी कहलाते हैं क्योंकि वे देश के प्राचीन लोकाचार को संजोकर रखे हुए हैं।