Friday , 20 September 2024

दीपावली के बाद हवा में घुला जहर, वायु का स्तर खतरनाक होने से लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल

नेशनल डेस्क- दीपावली पर्व पर प्रतिबंध के बावजूद गाजियाबाद शहर में जमकर बम-पटाखे छोड़े गए। देर रात तक धूम-धड़ाका होता रहा। जिम्मेदार सरकारी अधिकारी मानो कानों में रूई डालकर सोते रहे। इसका हानिकारक परिणाम शुक्रवार की सुबह सामने आया। समूचा शहर धुआं-धुआं होता दिखाई दिया। एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 तक जा पहुंचा। वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने के कारण दिनभर नागरिकों की तकलीफ बढ़ रही है। आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ की शिकायत आम थी।

जनपद गाजियाबाद में दीपावली पर्व पर बम-पटाखे छोड़ने की मनाही थी। वायु को जहरीला होने से बचाने के लिए आतिशबाजी की बिक्री की अनुमति नहीं दी गई। जिलाधिकारी ने बम-पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक के संबंध में आदेश तक जारी किया था, मगर डीएम के आदेश का कोई असर नजर नहीं आया। दीपावली पर देर रात तक बम-पटाखे छोड़े गए। दीपावली के जश्न में मशगूल नागरिकों ने सरकारी फरमान की खूब धज्जियां उड़ाईं।

धुंध की चादर में लिपटा रहा शहर

बेहिसाब बम-पटाखे छोड़े जाने का खतरनाक नतीजा शुक्रवार की सुबह सामने आ गया। समूचा शहर धुंध की चादर में लिपटा रहा। देर शाम तक यह स्थिति कायम रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 999 तक जा पहुंचा था। वैसे गाजियाबाद शहर में एक्यूआई का औसत 465 दर्ज किया गया। लोनी, पुराना विजय नगर, वसुंधरा, इंदिरापुरम, राजनगर एक्सटेंशन इत्यादि की हवा बेहद जहरीली थी। सरकारी एवं निजी अस्पतालों के आस-पास भी आबोहवा अत्याधिक खराब रही। पूरे दिन घना कोहरा छाने जैसे हालात रहे।

Read More Stories:

हवा की गति भी धीमी रही। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 10 दिन तक बारिश होना संभव नहीं है। यानी प्रदूषण की मार से इतनी जल्दी मुक्ति नहीं मिलेगी। सवाल यह भी उठता है कि डीएम के आदेश का धरातल पर पालन कराने के लिए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी गंभीर क्यों नहीं थे? खुलेआम और चोरी-चुपक बम-पटाखे बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यूं नहीं की गई?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *