नेशनल डेस्क- पंजाब कांग्रेस में इन दीनों अंदरुनी लड़ाई देखने को मिली और इसी बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी से इस्तीफा भी देव दिया था लेकिन,अब पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में नवजोत सींह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, लेकिन उन्होंने अब पार्टी को एक नया अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि जैसे ही नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति हो जाएगी तो वह अपने कार्यालय लौट आएंगे। हालांकि, इसमें अभी पेंच फंसता नजर आ रहा है, क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एपीएस देओल के इस्तीफे को कथित तौर पर खारिज कर दिया है। जिनकी नियुक्ति से सिद्धू नाराज चल रहे थे।
दरअसल, तीन हफ्ते पहले राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद चल रही सुगबुगाहट पर विराम लगाते हुए सिद्धू ने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। जैसे एक नए एडवोकेट जनरल को नियुक्त किया जाएगा तो मैं पार्टी कार्यालय जाऊंगा और कार्यभार संभालूंगा। बता दें, सिद्धू 2015 में एक बेअदबी और पुलिस फायरिंग मामले में दो आरोपी पुलिसकर्मियों का केस लड़ने का आरोप लगाते हुए एपीएस देओल पर लगातार निशाना साध रहे थे, जिसके बाद उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, अभी सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है कि, उनका इस्तीफा मंजूर हुआ है या नहीं। वहीं सूत्रों की मानें तो सीएम चन्नी ने इस्तीफा नामंजूर कर दिया है।
सिद्धू सीएम और सरकार पर साध रहे लगातार निशाना
सिद्धू ने कहा कि, सुमेध सैनी को जमानत दिलवाने वकील एजी और आईपीएस सहोता जैसा व्यक्ति डीजीपी कैसे हो सकता है। मैं इन मुद्दों के बारे में नए मुख्यमंत्री को याद दिलाता रहा हूं कि ड्रग्स और बेअदबी के मुद्दे को उजागर करने में अग्रणी कौन था? यह हमारे अध्यक्ष राहुल गांधी थे। हमें इन मुद्दों को हल करना चाहिए। अमरिंदर सिंह ने सितंबर में सिद्धू के साथ महीनों की तल्खी के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इसके बाद भी पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह खत्म नहीं हुई। मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा की गई नियुक्तियों पर आपत्ति जताते हुए सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया था। पंजाब में चुनाव को कुछ ही समय बचा है, बावजूद इसके सिद्धू सीएम चन्नी और सरकार लगातार निशाना साध रहे हैं।