हरियाणा डेस्क: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने कृषि क्षेत्र में कमाल कर दिया है। विश्वविद्यालय के एक नये अनुसंधान के बाद किसानों का डीजल खर्च न केवल खत्म हो जायेगा बल्कि किसानों का स्वास्थ्य भी खराब नहीं होगा। साथ ही पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होगा। विश्वविद्यालय में कृषि मशीनरी व फार्म इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने बैटरी चलित ट्रैक्टर तैयार किया है। इस ई-ट्रेक्टर के निर्माण के साथ एचएयू देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जिसने ऐसा अनुसंधान किया है। वीडियो में नजर आ रहा ये मिनी ट्रेक्टर पूरी तरह से बैटरी पर चलता है और खेत में वो सभी काम करने में सक्षम है जो दूसरे ट्रैक्टर करते हैं।
ट्रैक्टर को किसानों के लिए कमर्शियली उपलब्ध करवाया जायेगा
विश्वविद्यालय में कृषि मशीनरी व फार्म इंजीनियरिंग विभाग में वैज्ञानिक व उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश जैन के अनुसार जल्द ही कंपनियों के साथ बातचीत करके इस ट्रैक्टर को किसानों के लिए कमर्शियली उपलब्ध करवाया जायेगा। इसकी शुरुआती कीमत लगभग 6 लाख रुपये रहेगी और एक बार चार्ज करने के बाद डेढ़ टन की ट्राली के साथ ये 80 किलोमीटर चल सकेगा।
एक बार चार्ज करने में इसे 8 घंटे का समय लगेगा। साथ ही इसकी बैटरी की लाइफ भी 20 साल की होगी। इसे बरनाला के विकास ग्रीनटेक और विश्वविद्यालय के एमटेक के छात्र के साथ मिलकर विकसित किया गया है।