नेशनल डेस्क- लखीमपुर खीरी मामले के के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर देश के कई राज्यों में किसानों का ‘रेल रोको अभियान’ सोमवार यानि 18 अक्तूबर को शुरु हुआ। इसका असर पश्चिम यूपी, दिल्ली के अलावा हरियाणा और पंजाब में देखने को मिल रहा है। खासतौर पर पंजाब और हरियाणा में किसान कई जगह रेलवे ट्रैक पर जमे हुए हैं, और इसके चलते ट्रेनों का आवागमन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाए जाने की मांग करते हुए किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस मामले में उनके बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
किसानों ने रेलवे ट्रैक्स को जाम कर रखा है, लेकिन अब तक यह आंदोलन शांतिपूर्ण बना हुआ है। किसान आंदोलनकारियों की मांग है कि, तीनों नए कृषि कानूनों को खत्म किया जाए। इन मांगों के साथ किसान करीब एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और कई हाईवे हालांकि पंजाब के फिरोजपुर में एक घंटे पहले ही किसानों ने रेल ट्रैक को जाम कर दिया। हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती की गई है।
जम्मू-कश्मीर समेत इन राज्यों में भी असर
अंबाला में किसानों ने दिल्ली-अंबाला रेल ट्रैक को जाम कर दिया है। शाहपुर गांव के पास किसान बड़ी संख्या में रेल ट्रैक के पास बैठ गए हैं। पंजाब के मोगा जिले में भी कई स्थानों पर किसान रेलवे ट्रैकों पर डटे हुए हैं। फिरोजपुर डिविजन में भी रेलवे को रोका गया। ये ट्रेनें फिरोजपुर कैंट, जलालाबाद, मोगा और लुधियाना में खड़ी हैं। पश्चिम यूपी, जम्मू-कश्मीर समेत इन राज्यों में भी असर दिख रहा है। किसानों के रेल रोको अभियान का असर पंजाब और हरियाणा के अलावा जम्मू-कश्मीर, पश्चिम उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। इसके चलते रेलवे को बड़ी संख्या में ट्रेनों को कैंसल भी करना पड़ा है।