बेंगलुरू डेस्क- बेंगलुरू के बाहरी इलाके प्रकृति लेआउट इलाके से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां पर कोरोना से पति की मौत के बाद पत्नी ने अपने 15 वर्षीय बेटे और 6 साल की बेटी के साथ आत्महत्या कर ली। मृतकों की पहचान वसंता (40), उनके बेटे यशवंत और उनकी बेटी निश्विका के रूप में हुई है। वसंता ने पिछले साल अपने पति प्रसन्ना कुमार को खो दिया था, जो बीएमटीसी बस चालक व कंडक्टर थे। घटना का खुलासा शुक्रवार शाम को हुआ, जब वसंता का भाई फोन नहीं उठाने के बाद घर आया। पुलिस ने वसंता द्वारा लिखी एक लंबा सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उसने बताया है कि कोविड -19 के कारण उसके पति प्रसन्ना कुमार की मृत्यु के बाद उसका जीवन कैसे बदल गया।
सुसाइड नोट में उसने उल्लेख किया है कि अपने पति की मृत्यु के बाद वह भयभीत, चिंतित और दिशाहीन थी। पत्र में कहा गया है, “अपने पति को खोने के बाद मैं हर दिन एक मृत व्यक्ति की तरह जी रही हूं। दुनिया में कोई देखने वाला नहीं है। मुझे इस कठोर सच्चाई के बारे में पता चला और हम जीवन समाप्त कर रहे हैं।”
सुसाइड नोट में लिखी ये बात
वसंता ने सुसाइड नोट में लिखा है, “मेरे लिए अपने पति को भूलना और जीवन में आगे बढ़ना संभव नहीं है. उनके बिना हालांकि मैं जीवित हूं, लेकिन केवल मांस और रक्त में. मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन उन सवालों के जवाब खोजने में सक्षम नहीं हूं कि हमारे साथ कौन खड़ा होगा. किसी को मेरे बच्चों की परवाह नहीं है, उन्होंने जरा भी स्नेह नहीं दिखाया है. हम इस बुरी दुनिया में नहीं रहना चाहते।””बच्चों का कर्ज और जिम्मेदारी थी। हमारे स्वामित्व वाले घर को बेचकर कर्ज चुकाया जा सकता था। जीवन में केवल पैसा ही मायने नहीं रखता। रिश्तेदार बात कर रहे हैं कि उसके बिना जीवन जीने में कोई समस्या नहीं थी, लेकिन मेरे पति की मृत्यु के बाद यह आसान नहीं है। अगर कोई हमें थोड़ा प्यार और स्नेह मिलता, तो हम यह चरम कदम नहीं उठाते।”
पुलिस ने बताया कि वसंता डिप्रेशन में थी। उसके भाई ने उसकी मां तायव्वा को उसके पास रहने के लिए भेजा था। पुलिस ने यह भी कहा कि वसंता ने अपने बच्चों को आश्वस्त किया था कि, वह उन्हें उनके पिता के पास ले जाएगी और इसका उल्लेख सुसाइड नोट में किया है। वसंता और बेटी निश्विका के शव एक साथ लटके मिले और उनके बेटे का शव अलग-अलग लटका मिला है। बरहाल, आगे की जांच जारी है।