Sunday , 24 November 2024

ऐलनाबाद में क्यों है किसानों की साख दाव पर ? अभय चौटाला को मिलेगा किसानों का साथ या फिर बेकार जाएगी कुर्बानी !

हरियाणा डेस्क: हरियाणा की ऐलनाबाद सीट को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज थी। हरकोई ये सोच रहा था कि आखिरकार इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा कब की जाएगी। तो वहीं इसकी घोषणा हो चुकी है, इस सीट पर 30 अक्तूबर को उपचुनाव होगा और 2 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

8 महीने के लंबे इंतजार के बाद हुई घोषणा

8 महीने के लंबे इंतजार के बाद चुनाव आयोग ने सिरसा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव करवाने की घोषणा कर दी है। कृषि कानूनों के विरोध में ऐलनाबाद से इनेलो पार्टी के इकलौते विधायक अभय सिंह चौटाला ने 27 जून को पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से सीट खाली पड़ी थी। अब चुनाव आयोग इस सीट के लिए मतदान कराने जा रहा है।

ऐसा है इस हॉट सीट का इतिहास

ऐलनाबाद विधानसभा सीट 1977 में आरक्षित हो गई थी और 2005 तक यह सीट आरक्षित रही थी। जिसके चलते चौधरी देवीलाल परिवार का कोई सदस्य इस सीट से चुनाव नहीं लड़ सका था। लेकिन परिवार के नाम पर लोकदल के बैनर तले भागीराम ने 5 बार इस सीट पर जीत दर्ज कराई थी। 1977 में भागीराम ने निर्दलीय उम्मीदवार को चुनाव हराया। 1982-87 में दो बार कांग्रेस के उम्मीदवार मनीराम को हराया, लेकिन 1991 में कांग्रेस उम्मीदवार मनीराम ने भागीराम के जीत के सिलसिले को तोड़ दिया। 1996 में वापसी करते हुए भागीराम ने 2006 का चुनाव भी जीत लिया था।

ऐलनाबाद सीट 2009 में आरक्षित से फिर सामान्य हो गई थी। सीट के सामान्य होते ही ओमप्रकाश सिंह चौटाला ने यहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2010 में हुए उपचुनाव में यहां अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ने के लिए खड़े हो गए और जीत भी दर्ज कराई। अभय ने उपचुनाव में कांग्रेस के बेनीवाल को शिकस्त दी थी। उसके बाद से लगातार अभय चौटाला यहां से विधायक बनते आ रहे है।

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