उत्तर प्रदेश डेस्क- उत्तर प्रदेश के महराजगंज में अंधविश्वास का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे यह साबित होता है कि, समाज में अंधविश्वास किस तरह से लोगों पर हावी है। बता दें, मामला सबया का है, जहां सबया निवासी छोटकन की 15 वर्षीय बेटी की रात करीब डेढ़ बजे सांप के काटने से मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, किशोरी को पहले उल्टी आई और उसके बाद वो बेसुध हो गई। जिसके बाद उसे परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिसवा ले गए जहा पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शव को चिता से उतरवाकर 24 घंटे तक करवाई झाड़-फूंक
सर्पदंश से किशोरी की मौत के बाद परिजन अंतिम संस्कार कराने श्मशान घाट ले गए, लेकिन, परिजनों को किसी ने सलाह दी कि, उनका जानने वाला बिषहर ओझा है जो सांप का विष निकालने का काम करता है। वो विष निकाल देगा तो बच्ची जिंदा हो जाएगी। जिसके बाद परिजनों ने बच्ची को चिता से उतारकर विषहर के वहां ले गए। वहीं, विषहर के पास रातभर विष निकालने का काम चला लेकिन किशोरी जिंदा नहीं हुई।
बच्ची जिंदा नहीं हुई तो परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
जब 24 घंटे तक झाड़-फूंक करवाने का काम चलता रहा लेकिन, अंततः जब कोई फर्क नहीं दिखा तब परिजनों ने श्मशान घाट तक उसका दाह संस्कार कर दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास इस कदर हावी रहा कि चिता से किशोरी का शव उतार कर उसे झाड़फूंक के लिए इस उम्मीद पर लाया गया कि, वह जिंदा हो जाएगी लेकिन, जब कोई फर्क नहीं दिखा तब परिजनों ने श्मशान घाट तक उसका दाह संस्कार कर दिया।
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