चंडीगढ।हरियाणा सरकार पराली व फसलों के अवशेष निपटान के लिए गंभीर है। सरकार पराली निपटान के लिए विभिन्न रूपों मंे इसका इस्तेमाल करने के कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों को निपटान के लिए हर जिले में किसान मेले लगाकार सीधे सब्सिडी के साथ उपकरण दिए गए हैं साथ ही अवशेष निपटान हेतु उपकरण को इस्तेमाल करने पर सब्सिडी का भी प्रावधान किया है। यह जानकारी यहां कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने दी। कृषि मंत्री ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र मंे स्मॉग को लेकर हम भी चिंतित हैं और इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। धनखड़ ने बताया कि भविष्य में भी इस समस्या से निपटने के लिए हमने दो सुझाव केंद्रीय मंत्रियों को दिए हैं ताकि पराली का निपटान आसानी से हो सके। उन्होने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर पराली निपटान को किसानों को प्रोत्साहन राशि देने और पराली निपटान के काम में पंचायतें मदद कर सकें, इसके लिए इस काम को मनरेगा में शामिल करने का अनुरोध किया है। चंडीगढ।हरियाणा सरकार पराली व फसलांे के अवशेष निपटान के लिए गंभीर है। सरकार पराली निपटान के लिए विभिन्न रूपों मंे इसका इस्तेमाल करने के कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों को निपटान के लिए हर जिले में किसान मेले लगाकार सीधे सब्सिडी के साथ उपकरण दिए गए हैं साथ ही अवशेष निपटान हेतु उपकरण को इस्तेमाल करने पर सब्सिडी का भी प्रावधान किया है। यह जानकारी यहां कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने दी। कृषि मंत्री ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र मंे स्मॉग को लेकर हम भी चिंतित हैं और इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। धनखड़ ने बताया कि भविष्य में भी इस समस्या से निपटने के लिए हमने दो सुझाव केंद्रीय मंत्रियों को दिए हैं ताकि पराली का निपटान आसानी से हो सके। उन्होने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर पराली निपटान को किसानों को प्रोत्साहन राशि देने और पराली निपटान के काम में पंचायतें मदद कर सकें, इसके लिए इस काम को मनरेगा में शामिल करने का अनुरोध किया है।
कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि पराली निपटान के लिए हम लगातार प्रबंधन की दिशा मंे काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों बड़ी संख्या में
फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण उपलब्ध कराएं हैं। इन पर किसानों को 75 करोड़ रूपये की सब्सिडी प्रदान की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 10 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान पहले ही कर दिया है। विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसके तहत जो किसान रोटावेटर और हैपीसीडर हैं या अन्य उपकरण से किसान खेत में चलाते हैं उन किसानों को यह सब्सिडी दी जा रही है। किसानों को केवल हैरो आदि का खर्च देना होता है बाकी राशि सरकार दे रही है ताकि पराली का निपटान हो सके। जो किसान ये उपकरण रखते हैं बाकायदा कृषि विभाग के साथ उनको एटेच किया है, ताकि हर जरूरत पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। धनखड़ ने बताया कि बताया कि जिलावार किसानांे के लिए मेले लगाकार किसानों को अवशेष प्रबंधन निपटान के उपकरण सब्सिडी पर दिए। इसके लिए 75 करोड़ की राशि किसानों को दी है।
हरियाणा के कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कंेद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को लिखा है कि सरकार पराली निपटान के लिए किसानों को विशेष प्रोत्साहन राशि दे। धनखड़ ने लिखा है कि पराली निपटान का काम महंगा पड़ता है इसलिए किसानांे धान खरीद के साथ पराली निपटान प्रोत्साहन राशि भी दी जाए, ताकि किसान पर इसका अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े। किसानों को इससे सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में जितना धान होता है लगभग उसी मात्रा में पराली भी होती है। जिसका निपटान है। धनखड़ ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी पत्र लिखा है कि पराली निपटान के लिए एक महीने के लिए मनरेगा के मजदूरों को इस काम मंे लगाया जाए। इससे पंचायतें अपने अपने गांव मंे पराली का निपटान कर सकेंगी। इससे किसानांे को भी राहत मिलेगी।
धनखड़ ने यह भी कहा कि सरकार पराली के दूसरे प्रयोगों के लिए भी सरकार काम कर रही है। जागरूकता के माध्यम से विभाग किसानों को पूरी तरह अवगत करवा रहा है। इसके अलावा एथनॉल में, खाद में गत्ता बनाने में पराली के इस्तेमाल पर काम हो, इस पर भी लगे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से संवेदनशील है और हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में सभी को सामाजिकता के साथ भी काम करना चाहिए।