चंडीगढ,9नवम्बर। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस एबी चैधरी की पीठ ने गुरूवार को पंजाब के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। खैहरा ने हेरोइन तस्करी के वर्ष 2015 के मामले में फाजिल्का की अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को याचिका के जरिए चुनौती दी थी।
इससे पहले हाईकोर्ट ने पिछले 6नवम्बर को फाजिल्का की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत द्वारा जारी किए गए गैर जमानती वारंट पर रोक लगा दी थी। खैहरा ने निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ की जा रही सुनवाई पर भी रोक लगाने की मांग भी की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस कार्यवाही पर रोक नहीं जगाई थी।
खैहरा ने हेरोइन तस्करी के इस मामले में अभियोजन विभाग की अर्जी के आधार पर अपने खिलाफ अदालत द्वारा सुनवाई शुरू किए जाने को राजनीतिक साजिश करार दिया था। उन्होंने दलील दी थी कि जब समूचे मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है और समूची सुनवाई के दौरान उनके खिलाफ कोई गवाह नहीं आया व एसआईटी ने गहराई से जांच के बाद उनके खिलाफ चालान पेश नहीं किया तो फैसले के बाद अभियोजन की अर्जी के पीछे राजनीतिक साजिश की बू आती है। खैहरा ने कहा था कि यह उनकी आवाज बंद करने की साजिश है। गैर जमानती वारंट होते ही सत्तारूढ कांग्रेस व अकाली दल ने खैहरा के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी थी। आम आदमी पार्टी में भी खैहरा के विरोधी उनके नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफे के लिए दवाब डाल रहे थे। लेकिन खैहरा ने पार्टी के सभी विधायकों का समर्थन अपने साथ होने का दावा किया है।