नेशनल डेस्क: डेल्टा वेरिएंट के लगातार बढ़ते प्रसार ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। सबसे ज्यादा फिक्र ग्रामीण इलाकों को लेकर है, जहां न सिर्फ स्वास्थ्य ढांचे की कमी है, बल्कि जांच सुविधाओं और कोविड-19 टीकों तक पहुंच भी बहुत सीमित है।
फिलिपीन जीनोम सेंटर की एक विशेषज्ञ की माने तो, डेल्टा या उस जैसे अन्य घातक वेरिएंट ग्रामीण इलाकों में पांव पसार लेंगे तो स्वास्थ्य तंत्र के लिए कोरोना के कहर पर काबू पाना और भी मुश्किल हो जाएगा। खासकर भारत में डेल्टा के फैलाव को लेकर सामने आ रही खबरें सबसे ज्यादा परेशान करने वाली हैं। देश में आई दूसरी बेहद गंभीर लहर के लिए सार्स-कोव-2 वायरस के इसी स्वरूप को जिम्मेदार माना जाता है।
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डेल्टा वेरिएंट के सामने बेबस स्वास्थ्य ढांचा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट इतनी तेज गति से फैलता है कि स्वास्थ्य ढांचा इसके सामने बेबस नजर आने लगता है।। मई से जुलाई के बीच मरीजों और मौतों की संख्या चरम पर पहुंच गई थी। यही नहीं, टीकाकरण की धीमी रफ्तार से वहां बड़ी आबादी के वायरस की जद में आने का खतरा भी बना हुआ है।
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