नेशनल डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। जहां, राहुल गांधी वैक्सीन, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर केंद्र पर लगातार हमलावर हैं, तो वहीं अब कांग्रेस महासचिव महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए “जिम्मेदार कौन” अभियान में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना से सम्बंधित आंकड़ें छिपाने और आकंड़ों का लआरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आंकड़ों को अपनी छवि बचाने के माध्यम की तरह क्यों प्रस्तुत करती है?
पोस्ट में प्रियंका गांधी ने पूछे ये सवाल
पोस्ट में प्रियंका गांधी ने पूछा है कि, क्या इनके नेताओं की छवि, लाखों देशवासियों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है? सही आंकड़ें अधिकतम भारतीयों को इस वायरस के प्रभाव से बचा सकते हैं। आखिर क्यों सरकार ने आंकड़ों को प्रोपेगंडा का माध्यम बनाया न कि प्रोटेक्शन का? प्रियंका गांधी ने कुछ उदाहरणों को रखते हुए केंद्र सरकार से जिम्मेदारी लेने की मांग की है और कहा कि सरकार को इसका जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि, सरकार ने शुरू से ही कोरोना वायरस से हुई मौतों और कोरोना संक्रमण की संख्या को जनसंख्या के अनुपात में दिखाया, लेकिन टेस्टिंग के आंकड़ों की टोटल संख्या बताई।
आंकड़ों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?- प्रियंका गांधी
प्रियंका का आरोप है कि आज भी वैक्सीनेशन के आंकड़ों की टोटल संख्या दी जा रही है, आबादी का अनुपात नहीं और उसमें पहली और दूसरी डोज़ को एक में ही जोड़कर बताया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने अपने पोस्ट में ये भी पूछा है कि, आखिर क्यों वैज्ञानिकों द्वारा बार-बार मांगने के बावजूद कोरोना वायरस के बर्ताव और बारीक अध्ययन से जुड़े आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया? जबकि इन आंकड़ों को सार्वजनिक करने से वायरस की गति और फैलाव की जानकारी ठीक होती और हज़ारों जानें बचाई जा सकती थीं?