चंडीगढ,27अक्टूबर। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार विपक्ष द्वारा लगाए जाने वाले दलित विरोधी होने के आरोप से मुक्त होना चाहती है। इन आरोपों से मुक्त होने के लिए राज्य सरकार जल्दी ही अनुसूचित जाति आयोग व सफाई कर्मचारी आयोग के गठन की तैयारी में है।
विपक्ष कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल इन दो मुद्दों को लेकर सरकार को घेरते रहे है। हाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में दलित पंचायतों का आयोजन किया था और इनमें इन मुद्दों को उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा गया था। हुड्डा ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार ने दलितों को आवास बनाने के लिए 100-100 गज के प्लाॅट देने की योजना शुरू की थी। भाजपा ने अपनी सरकार बनते ही इस योजना को बंद कर दिया। साथ ही पानी की आपूर्ति के लिए टंकी व टोंटी मुफ्त देने की योजना भी बंद कर दी गई। इसके अलावा भी दलितों के लाभ की गई अन्य योजनाएं बंद कर दी गई। हुड्डा ने दलित पंचायतों में इस तरह भाजपा सरकार को दलित विरोधी करार दिया था।
हाल में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्य ने अनुसूचित जाति आयोग का मुद्दा उठाया था। इनेलो सदस्य का आरोप था कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बनते ही अनुसूचित जाति आयोग भंग कर दिया गया। दलितों को 100-100 गज के प्लाॅट देने की योजना भी बंद कर दी गई। सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति वर्ग का बैकलाॅग भी पूरा नहीं किया जा रहा। सफाई कर्मचारी भी नियमित नहीं किए जा रहे। रियायती ब्याज दर पर कर्ज नहीं दिया जा रहा। इस तरह सरकार दलित विरोधी रवैया अपना रही है।
इनेलो सदस्य के इस बयान पर संसदीय कार्यमंत्री रामविलास शर्मा ने सदन में भरोसा दिलाया था कि अनुसूचित जाति आयोग व सफाई कर्मचारी आयोग का गठन जल्दी ही किया जाएगा। वहीं परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा था कि अनुसूचित जाति का नौकरियों व पदोन्नति में बैकलाॅग जल्दी ही पूरा किया जाएगा।