हरियाणा डेस्क: कोरोना का कहर समाज के हर वर्ग पर चहुमुखी रूप से पड़ा है। लेकिन भारतीय रेलवे में पहले से ही अपने बजूद की तलाश कर रहे कुलियों पर यह एक आफत की तरह बरपा है। घर का लालन- पालन करना भी अब कुलियों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नही। आलम यह है कि अधिकतर कुली अपना पेशा बदलकर मजदूरी का काम करने को बेबस है। लेकिन वहाँ पर भी चुनोतियाँ कम नही। कई बार काम मिलता है कई बार नही ऐसे में वह किससे गुहार लगाए।
कोरोना काल में कुलियों की हालात बेहद खराब
बता दें, लॉक डाउन से पहले अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन पर 150 कुली काम कर अपना घर का लालन पालन करते थे। लेकिन मौजूदा समय मे मात्र 50 कुली ही कैंट रेलवे स्टेशन पर काम करते है। लेकिन जो कुली काम कर भी रहे है उनके हालात भी बहुत दयनीय है। उनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से स्टेशन पर अब नाममात्र ट्रेनें ही आती है।
रेल यात्री अपने सामान को कुली के हवाले नहीं करते
ऊपर से महामारी के इस दौर में अधिकतर रेल यात्री अपने सामान को कुली के हवाले नहीं करते। ऐसे में हम क्या करें क्या नहीं कुछ समझ नही आ रहा। हमारी प्रशासन से अपील है कि वह हमारी आर्थिक रूप से मदद करे हम भी भारतीय रेलवे का एक अंग है।