हरियाणा डेस्क: अंबाला शहर के रामबाग में दिन छिपने के बाद रात 9 बजे एक व्यक्ति का संस्कार किए जाने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। भनक लगते ही जब मीडिया वहां पर पहुंचा तो आचार्य ने इस संस्कार पर सूर्यास्त के बाद आपत्ति जताई। लेकिन निगम से परमिशन होने के कारण मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों और निगम कर्मचारियों की मौजूदगी में यह संस्कार कर दिया। हालांकि इस बारे निगम कर्मचारी और डॉक्टर कुछ भी बताने को तैयार नही हुए।
दिन छिपने के बाद कोई भी संस्कार नहीं किया जाता- आचार्य
राम बाग शमशानघाट के आचार्य की मानें तो, हिंदू पद्धति के अनुसार दिन छिपने के बाद कोई भी संस्कार नहीं किया जाता। लेकिन मृतक के परिजनों ने उन्हें बताया कि वह जींद के रहने वाले हैं और उनका यह पेशेंट करोना संक्रमित होने के कारण इसका इलाज एमएम मुलाना अस्पताल में चल रहा था और आज उसकी मृत्यु हो गई। मजबूरी में वे यहां संस्कार करने के लिए लाए हैं उनके पास निगम की परमिशन है। आचार्य का कहना है कि जब उन्हें निगम से मिली परमिशन दिखाई गई तो वे भी इस संस्कार को करवाने में मजबूर हो गए।
ब्राह्मण महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य भी मौके पर पहुंचे
वही सोशल मीडिया पर खबर के वायरल होते ही ब्राह्मण महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिंदु तख्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य भी मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने कहा कि हिंदू पद्धति के अनुसार सूरज छिपने पर किसी भी प्राणी का संस्कार करने की हिंदू समाज में कोई रिवाज व पद्धति नहीं है।