हरियाणा डेस्क: कोरोना काल के इस दौर में लोगों के काम धंधे पूरी तरीके से चौपट हो चुके हैं ऐसे में लोगों के पास काम नहीं है तो वही प्रवासी मजदूर भी काम के लिए दर-दर भटक रहे हैं। प्रवासी मजदूरों का मानना है कि उन्हें कोरोना से डर नहीं है बल्कि भूख से डर है क्योंकि उनके परिवार भूखे हैं उनके लिए खाना खाने को नहीं है। इसीलिए वह घर से बाहर काम की तलाश में निकलते हैं।
लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस उन्हें डंडे मार कर वापस भगा देती है ऐसे में उनकी जिंदगी मुश्किल हो रही है। परिवार का पेट पालने के लिए उनके पास ना ही तो पैसा है और ना ही खाना। ऐसे में उन्हें कंपनियों में भी काम नहीं मिल रहा अगर वह काम की तलाश में लेबर चौक पर जाते हैं तो वहां पर भी उन्हें काम तो नहीं बल्कि पुलिस के डंडे मिलते हैं। ऐसे में प्रवासी मजदूर साफ तौर पर सरकार से गुहार लगा रही हैं कि प्रवासी मजदूरों की ओर भी सरकार का ध्यान जाना चाहिए ताकि उनके परिवारों का भी पेट भर सके।।