हरियाणा डेस्क: कोरोना से बचाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन तो लगा दिया लेकिन इसी लॉकडाउन के चलते हर वर्ग प्रभावित हो रहा है। लॉकडाउन की सबसे बड़ी मार तो मेहनत मजदूरी कर घर चलाने वाले लोगों के पर पड़ी है। जिनके सामने दो वक्त की रोटी के लिए संकटों का पहाड़ खड़ा हो गया है। जैसे – जैसे लॉकडाउन बढ़ रहा है, वैसे – वैसे ही हाथ की दस्तकारी से अपनी मजदूरी कमाने वाले लोगों की मुसीबतें भी बढ़ रही है।
दिनभर पत्थर काटकर उनको सिलबट्टे का रूप देकर बेचने वाले मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले हो रोजाना 8 से 10 सिलबट्टे बेचकर जैसे – तैसे अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे थे। लेकिन जब से लॉकडाउन लगाया गया है। तब से उनकी वह बिक्री भी समाप्त हो चुकी है। घर में रखा हुआ राशन लगभग खत्म हो चुका है और उनके पास आने वाले समय के लिए राशन नहीं है। ना तो प्रशासन की तरफ से उनको राशन दिया गया है और ना ही उनको वैक्सीन लगाई गई है।