चंडीगढ,10 अक्टूबर। अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव आरपीएन सिंह ने मंगलवार को यहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की कम्पनी टेम्पल इंडस्ट्रीज का मुद्दा उठाते हुए सारे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्टी अपनी ओर से कोई आरोप नहीं लगा रही है बल्कि रजिस्ट्रार आॅफ कम्पनीज की ओर से पेश किए तथ्यों की जांच करवाने और सच्चाई देश के सामने लाने की मांग कर रही है। उधर हरियाणा की भाजपा सरकार में वित्त मंत्री केप्टेन अभिमन्यु ने आरपीएन सिंह के बयान पर कडा संज्ञान लेते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बचाव किया। अभिमन्यु ने कहा कि कांग्रेस महासचिव एक फर्जी खबर को मुददा बना रहे है। ऐसा लग रहा है कि अंधे के हाथ बटेर लग गई है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस नेताओं को व्यापार की समझ नहीं है और वे दिमागी तौर पर दिवालिए हो चुके है। यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस अध्यक्ष के दामाद भी आरोपों के घेरे में रहे है। हरियाणा की तत्कालीन भूपेन्द्र सिंह ड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उनके बैंक खाते में पचास करोड रूपए जमा कराए थे। उन्होंने कहा कि वास्तव में जय शाह की कम्पनी को भाजपा के सत्ता में आने के बाद पौने दो करोड रूपए का घाटा हुआ है।
सिंह ने यहां पत्रकारों से बातचीत में इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी की। उन्होंने कहा कि जब आरोप लगाए गए तो लालकृष्ण आडवाणी,बंगारू लक्ष्मण और नितिन गडकरी ने भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफे दिए थे। अब यदि अमित शाह के पुत्र की कम्पनी को सत्ता का लाभ दिए जाने का मामला सामने आया है तो उन्हें भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपने को देश का चैकीदार बताने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब भाजपा के लिए भागीदार की भूमिका निभा रहे है। सिंह ने कहा कि मुददा यह है कि वर्ष 2013-14 में जय शाह की कम्पनी का 50 हजार रूपए मात्र का टर्न ओवर था जो कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद अस्सी करोड हो गया। एक वर्ष में ही सोलह हजार गुना वृद्धि हो गई। एक कमरे में कम्पनी चलाई जा रही थी जिसका किराया अस्सी लाख रूपए बताया गया। कम्पनी को विदेश से भी 51 करोड रूपए मिले। कालूपुर कोआॅपरेटिव से इस कम्पनी को 25 करोड रूपए व कुसुम फिनसर्ब से 15.78 करोड रूपए दिए। नवीकृत एनर्जी प्लांट लगाने के लिए इरेडा ने 10.35 करोड रूपए दिए। जब कम्पनी का टर्नओवर 80 करोड हो गया तो घाटा बताकर बंद करने की बात कर दीगई।