कोरोना कॉल के दौरान अगर कोई संदिग्ध डेड बॉडी पाई जाती है , तो अब घटनास्थल पर ही उसका सैम्पल लिया जा सकेगा,,, इतना ही नही उसकी रिपोर्ट भी चंद मिनटों में आपके सामने होगी,,,ये कहना है सीएमओ डॉ कृष्ण कुमार का,,,,आपको बता दें कि नूंह जिले में सोमवार को दूसरी मोबाइल सेंपलिंग वैन को हरी झंडी दिखाकर सीएमओ डॉ कृष्ण कुमार ने अल आफ़िया अस्पताल के प्रांगण से फील्ड में रवाना किया,,,उन्होनें बताया कि ऐसा नया प्रयोग करने वाला नूह हरियाणा का पहला जिला है,,, सीएमओ डॉ कृष्ण कुमार नूह ने पत्रकारों को बताया एक एंबुलेंस को अस्पताल का रूप दिया है । इस एंबुलेंस में सवार होकर कोरोना का टेस्ट लेने के लिए डॉक्टरों की टीम गांव – गांव जाएगी , जो वहीं पर संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेने का काम करेगी । सीएमओ ने कहा कि इस एम्बुलेंस में सवार डॉक्टर , लैब टेक्नीशियन को पीपीई किट की जरूरत महसूस नहीं होगी। एम्बुलेंस से दस्तानों में हाथ बाहर निकालकर नीचे खड़े मरीज का सैम्पल लिया जा सकेगा। मरीज ओर सैम्पल लेने वाले स्टाफ को इस एम्बुलेंस में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही होगी। सामान्य अस्पताल के कुछ गांवों की दूरी 60 – 65 किलोमीटर तक है , इसलिए वहां से सैम्पल लेने के लिए मरीजों को लाने तथा डेड बॉडी इत्यादि लाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
आपको बता दें कि अब ज्यादातर लोगों को सैंपल लेने के लिए बसों या एंबुलेंस में बैठाकर सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में लाया जाता है । जिससे समय और धन की बर्बादी हो रही है । इसके अलावा इस नए कदम से सैंपल लेने की गति को भी बल मिलेगा ।